लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। मौत से चंद घंटे पहले शहजादी खान ने अपने घर बांदा में फोन किया। बेटी की आवाज सुनकर पिता की आंख से आंसू की धारा बहने लगी। मां भी अपनी शहजादी से बात कर फूट-फूट कर रोई। शहजादी खान ने अपने परिवार को बताया कि उसे डेथ कोठी पर शिफ्ट कर दिया गया है। उसे किसी भी वक्त फांसी पर लटका दिया जाएगा। ये मेरी आखिरी कॉल है। शहजादी के फोन आने के बाद परिवारवालों ने केंद्र सरकार के अफसरों से संपर्क किया। पर लाख कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। गुजिश्ता 15 फरवरी को उसे दुबई में फांसी दे दी गई। अब उसका अंतिम संस्कार 5 मार्च को होगा। सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को उसके पिता की तरफ से उसकी सलामती की याचिका पर सुनवाई करते हुए या बताया गया और तस्दीक की गई की महिला को फांसी दी जा चुकी है।
परिवार की अबू धाबी जाने में मदद करेगा
शहजादी पर 4 महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था। वह 2 साल से अबू धाबी की जेल में बंद थी। कोर्ट ने 4 महीने पहले उसे फांसी की सजा सुनाई थी। 14 फरवरी को शहजादी ने जेल से अपने परिवार को फोन कर फांसी के बारे में जानकारी दी थी। 15 फरवरी की सुबह शहजादी को फांसी दे दी गई। विदेश मंत्रालय की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कोर्ट को बताया कि शहजादी का अंतिम संस्कार 5 मार्च को होगा। मंत्रालय और अबू धाबी स्थित भारतीय दूतावास अंतिम संस्कार के लिए शहजादी परिवार की अबू धाबी जाने में मदद करेगा।
लेटर भी लिखा था, लेकिन कुछ नहीं हुआ
शहजादी के पिता ने दो दिन पहले इस मामले में विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। शहजादी के पिता ने कोर्ट में दायर याचिका में दावा किया था कि 14 फरवरी को उनकी बेटी से उन्हें कॉल पर बताया था कि उसे जेल से हॉस्पिटल ट्रांसफर दिया गया है और उसे फांसी की सजा दी जाएगी। उन्होंने अबू धाबी कानून के मुताबिक शहजादी को क्षमादान दिए जाने के लिए अबू धाबी स्थित भारतीय दूतावास को एक लेटर भी लिखा था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
गोयरा मुगली की रहने वाली है शहजादी
शहजादी बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गांव गोयरा मुगली की रहने वाली है। दुबई जाने से पहले शहजादी सामाजिक संस्था ’रोटी बैंक’ में काम करती थी। साल 2021 में उसका फेसबुक के जरिए आगरा में रहने वाले उजैर से संपर्क हुआ। उजैर ने झूठ बोल कर शहजादी को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। शहजादी का चेहरा एक साइड से बचपन में झुलस गया था। उजैर ने चेहरा सही करवाने के लिए शहजादी को आगरा बुला लिया। इसके बाद उसे इलाज करवाने के नाम पर नवंबर, 2021 में दुबई में रहने वाले दंपती फैज और नादिया के हाथों बेच दिया।
और शहजादी को जेल भेज दिया गया
शहजादी तब झूठ बोलकर दुबई गई थी। दुबई में शहजादी को फैज और नादिया बहुत परेशान करते। उसने कई बार इंडिया आने की सोची लेकिन वो लोग वापस नहीं आने दे रहे थे। शहजादी ने पहले बताया था, वो दोनों उसको घर में बंद करके रखते थे। कभी बाहर नहीं निकलने देते, मारपीट करते। फैज और नादिया का एक 4 महीने का बेटा था। जो काफी बीमार रहता था। इसी बीच उसकी मौत हो गई। जिसका इल्जाम फैज और नादिया ने शहजादी पर लगा दिया। पुलिस केस हुआ और शहजादी को जेल भेज दिया गया।
घर में मातम छाया
शहजादी का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। शहजादी के अब्बू-अम्मी ने उसको बचाने के लिए सब जगह मदद मांगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जब से परिवार को शहजादी को फांसी की सजा होने की जानकारी मिलने के बाद से घर में मातम छाया है। शहजादी के परिवारवालों ने बताया कि वह बेकसूर थी। उसे झूठे केस में फंसाया गया और आनन-फानन में फांसी की सजा करवाई गई। ये पूरी प्लानिंग के साथ किया गया। शहजादी के परिवारवालों का कहना है कि भारत सरकार को पूरे मामले की जांच करवानी चाहिए।
शहजादी की आखिरी ख्वाहिश
शहजादी ने 15 दिन पहले फोन पर अपने अब्बू-अम्मी से कहा, अब इस कोर्ट कचहरी के चक्कर में मत पड़ना। कैप्टन आए थे, उन्होंने बताया टाइम नहीं है मेरे पास। उन्होंने हमें दूसरे रूम में रख दिया है। 2 साल से आप लोगों को नहीं देखा है। हम पर कोई कर्ज नहीं है। आप लोग बिल्कुल टेंशन मत लेना। हमारे साथ तो वैसे भी बहुत एक्सीडेंट हुए हैं। एक आखिरी एक्सीडेंट और हो रहा है, फिर कोई एक्सीडेंट नहीं होगा। आप लोगों को मुझे भूलना पड़ेगा। हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है। फोन कट जाएगा, उसके बाद आप लोग परेशान मत होना। वहीं, शहजादी के अब्बू-अम्मी भी फोन पर रोते रहे। दोनों बेटी से माफी मांगते रहे। कहते रहे, हम तेरे लिए कुछ नहीं कर पाए। तुझको नहीं बचा पाए।