Banke Bihari Corridor: उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा के प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर के लिए बहुप्रतीक्षित कॉरिडोर निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (PWD) को सौंप दी है। 500 करोड़ की लागत से बनने वाला यह कॉरिडोर श्रद्धालुओं की भीड़ को सुव्यवस्थित करेगा और दर्शन की सुविधा को और सुगम बनाएगा। सरकार ने इस परियोजना की अधिसूचना पहले ही जारी कर दी थी, अब कार्यदायी संस्था तय होते ही निर्माण प्रक्रिया को गति मिलने की उम्मीद है। साथ ही, मंदिर के प्रबंधन के लिए एक नया ‘बांके बिहारी मंदिर न्यास’ गठित होगा, जिसमें 18 सदस्य शामिल होंगे। संत समाज ने भी कॉरिडोर के प्रति अपना समर्थन दोहराया है।
PWD को सौंपी गई जिम्मेदारी, निर्माण कार्य में तेजी
योगी आदित्यनाथ सरकार मथुरा को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का नया केंद्र बनाने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा चुकी है। श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का कार्य अब PWD के ज़रिए पूरा कराया जाएगा। इस संबंध में राज्य सरकार के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने पत्र जारी कर धर्मार्थ कार्य निदेशालय को सूचना दी है। पत्र में कहा गया कि भारी भीड़ के चलते श्रद्धालुओं को दिक्कत होती है, इसलिए मंदिर के चारों ओर विकास कार्य जरूरी है।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं और भूमि अधिग्रहण की तैयारी
Banke Bihari Corridor में दर्शन मार्ग के साथ-साथ पार्किंग, वेटिंग एरिया और अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। 500 करोड़ रुपये की लागत वाली इस योजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द शुरू होने की संभावना है। जिन मकानों को कॉरिडोर क्षेत्र में शामिल किया गया है, उनके मालिकों की पहचान हो चुकी है। उन्हें अधिग्रहण के बदले उचित मुआवज़ा मिलेगा।
मंदिर न्यास का गठन, होंगे 18 सदस्य
Banke Bihari Corridor निर्माण के साथ-साथ एक विशेष मंदिर न्यास (ट्रस्ट) का गठन भी किया जाएगा। इस न्यास में 18 सदस्य होंगे—11 नामांकित और 7 पदेन। नामांकित सदस्यों में तीन प्रतिष्ठित वैष्णव संतों के साथ आचार्य, मठाधीश, स्वामी, गुरु और धार्मिक विद्वानों को शामिल किया जाएगा। पदेन सदस्यों में शासन और प्रशासन के प्रतिनिधि भी रहेंगे, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
संत समाज का समर्थन, स्थानीय हितों की बात
शनिवार को चैतन्य कुटी आश्रम में महंत लाडली दास की अध्यक्षता में चारों संप्रदायों के संतों की बैठक हुई। संत समाज ने स्पष्ट किया कि कॉरिडोर के बारे में फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्य में स्थानीय दुकानदारों और गोस्वामी परिवारों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाए। संतों ने सरकार से अपेक्षा जताई कि सभी निर्णय संवाद के ज़रिए लिए जाएं।