मस्जिद में प्रोफेसर प्रभात उपाध्याय का हो रहा था खतना, तभी पुलिस ने बोला धावा, हत्थे चढ़ा धर्मान्तरण गैंग का सरगना

कुछ ऐसा ही मामला बरेली में भी सामने आया है। यहां यहां नेत्रहीन प्रोफेसर प्रभात उपाध्याय को शादी और नए जीवन का झांसा देकर धर्मान्तरण गैंग ने जाल में फंसा लिया।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में पुलिस और यूपी एसटीएफ ने धर्मान्तरण गैंग के सरदार छांगुर समेत अन्य कट्टरपंथियों को अरेस्ट कर सलाखों के पीछे भेजा था। कुछ ऐसा ही मामला बरेली में भी सामने आया है। यहां यहां नेत्रहीन प्रोफेसर प्रभात उपाध्याय को शादी और नए जीवन का झांसा देकर धर्मान्तरण गैंग ने जाल में फंसा लिया। आरोपी प्रोफेसर के खतना मस्जिद के अंदर करने जा रहे थे, तभी पुलिस ने धावा बोल दिया। सरगना समेत पुलिस ने मौके से दो अन्य को अरेस्ट कर लिया।

बरेली में पुलिस ने बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश किया है। यहां पुलिस ने मस्जिद के अंदर छापा मारकर तीन लोगों को अरेस्ट किया है। तीनों आरोपी प्रोफेसर उपाध्याय का खतना कर उन्हें मुसलमान बनाने की प्रक्रिया में लगे थे, तभी पुलिस आ गई और उनका साजिश वाले खेल का द एंड हो गया। दरअसल, धर्मांतरण की शुरुआत अलीगढ़ जिले के महुआखेड़ा थाना क्षेत्र से होती है। यहीं की रहने वाली अखिलेश कुमारी ने पुलिस को पत्र देकर शिकायत की कि उनका बेटा प्रभात उपाध्याय 15 अगस्त से घर नहीं लौटा।

अखिलेश कुमारी ने पुलिस को बताया कि प्रभात बचपन से ही नेत्रहीन है और कड़ी मेहनत से पढ़ाई कर प्रोफेसर बना है। प्रभात ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एमफिल और हैदराबाद यूनिवर्सिटी से पीएचडी की थी। 2019 में उनकी नियुक्ति राजकीय इंटर कॉलेज में हुई और बाद में ट्रांसफर बरेली और बुलंदशहर हुआ। मां ने पुलिस को बताया कि बीते कई दिनों से बेटे के बर्ताव में बड़ा परिवर्तन आ गया था। वह कुछ मुस्लिम युवकों से बातचीत करने लगा था। अचानक प्रोफेसर से घर से लापता हो जाते हैं।

मां अखिलेश कुमार व परिवार के लोग प्रोफेसर की खोजबीन शुरू की। तभी उन्हें पता चला कि प्रभात को बरेली के एक मदरसे में रखा गया है। यहां उसका धर्म परिवर्तन किया जा रहा है और उसका नया नाम हामिद रख दिया गया। यह सुनकर परिजन हैरान रह गए। जब वे मदरसे पहुंचे, तो न सिर्फ उन्हें धमकाकर भगा दिया गया बल्कि साफ कह दिया गया कि अब प्रभात मुसलमान बन चुका है। प्रोफेसर की मां पुलिस में जाकर शिकायत दर्ज करवाती हैं। मामले पर एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने टीम बनाई।

एसपी ने खुद ऑपरेशन की कमान अपने हाथों में लेकर भुता इलाके में दबिश दी। यहां से पुलिस ने अब्दुल मजीद नाम के व्यक्ति को उसके दो साथियों सलमान आरिफ और फहीम के साथ गिरफ्तार किया। जांच में खुलासा हुआ कि यह कोई साधारण घटना नहीं बल्कि संगठित गिरोह का काम है। ये लोग कमजोर या परेशान परिवारों को चुनते थे, उन्हें लालच देते थे और धीरे-धीरे उनका ब्रेनवॉश करके धर्म बदलने पर मजबूर कर देते थे। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि गैंग का तरीका बेहद सोचा-समझा था।

पुलिस की जांच में सामने आया है कि पहले शिकार के साथ दोस्ती की जाती और विश्वास जीता जाता। फिर शादी, नौकरी या आर्थिक मदद का लालच दिया जाता। धार्मिक किताबें, सीडी और वीडियो के जरिए उनके विचार बदले जाते. अंत में उन्हें मदरसे ले जाकर निकाह और खतने की प्रक्रिया पूरी कर धर्मांतरण करा दिया जाता। प्रभात उपाध्याय के मामले में भी यही स्क्रिप्ट दोहराई गई। उनके पास से पुलिस को 10 धार्मिक किताबें, जाकिर नाइक की सीडी और धर्मांतरण से जुड़े प्रमाण पत्र मिले।

पुलिस जांच में सामने आया कि सुभाष नगर निवासी बृजपाल और उसका पूरा परिवार इनका शिकार बना। जपाल का निकाह मुस्लिम युवती से कराया गया। फिर उसकी बहन को भी एक मुस्लिम युवक से शादी करा दी गई। उनकी मां का भी धर्म बदल दिया गया और नए नाम रख दिए गए। यानी पूरा परिवार धीरे-धीरे धर्मांतरण के जाल में फंस गया।एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि गिरोह का नेटवर्क सिर्फ बरेली तक सीमित नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी फैला हुआ है। फिलहाल पूछताछ में कई और नाम सामने आए हैं। जल्द ही और खुलासे होंगे।

 

Exit mobile version