लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। यूपी के बरेली में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां की पॉक्सो कोर्ट ने एक किन्नर को दुष्कर्म को दोषी मानते हुए 20 साल की सजा सुनाई है। दरिंदा फरीन खुद को किन्नर बताकर गुमराह करता रहा। आखिर में कोर्ट के आदेश पर फरीन का लिंग परीक्षण पुलिस ने करवाया तो वह पुरुष निकला। आरोपी ने दो साल पहले सात साल की बच्ची के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया था। फैसले से पीड़िता के परिवारवाले खुश नजर आए।
पहले जानें का क्या है पूरा मामला
दरअसल, ये घटना बरेली के थाना मीरंगज इलाके की हैं। यहां की एक सात साल की बच्ची के साथ दो वर्ष पहले खुद को किन्नर बताने वाले फहीन ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। दरिंदों ने मासूम के साथ ऐसी दरिंदगी की उसके प्राईवेट पार्ट से खून निकल रहा था। परिवारवालों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पीड़िता को अस्पताल में भर्ती करवाया। हालात गंभीर होने पर उसे लखनऊ रेफर कर दिया। उधर, परिवारवालों की तहरीर पर पुलिस ने किन्नर फरीन के खिलाफ पॉक्सो और दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
खुद को बता रहा था किन्नर
पुलिस ने आरोपी किन्नर को जेल भेजा गया। सोमवार को विशेष अदालत पॉक्सो के न्यायाधीश उमाशंकर कहार ने दुष्कर्म के आरोपी किन्नर फरीन को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। अपर शासकीय अधिवक्ता राजीव तिवारी ने बताया कि ऐसे निर्णय से इस तरह की गंदी सोच रखने वालों के मन में भय पैदा होगा और अपराध में कमी आएगी। जज के सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी फहीन दहाड़ मारकर रोने लगा। खुद को किन्नर बताता रहा। पर उस पर किसी भी तरह की कोर्ट की तरफ से नरमी नहीं बरती गई। आरोपी को पुलिस ने सजा के बाद जेल भेज दिया।
ऐसे साबित हुआ किन्नर नहीं पुरूष
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव तिवारी ने बताया कि सुनवाई के दौरान खुद को नजरदोष साबित करने के लिए फरीन किन्नर ने एक याचिका भी दाखिल की। जिस पर कोर्ट के आदेश पर आरोपी के लिंग जांच के आदेश दिया गया। फरीन खुद को फीमेल किन्नर बताकर आरोपों से मुकरता रहा। इसके बाद लखनऊ एसजीपीजीआई में जब उसका लिंग परिक्षण हुआ तो उसमें एक्स और वाई क्रोमोज़ोम की पुष्टि हुई, जिससे यह साबित हुआ कि फरीन किन्नर नहीं बल्कि पुरुष है। जिसके बाद कोर्ट ने फरीन को दोषी करार देते हुए 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई।