Aligarh Muslim University : उत्तर प्रदेश स्थित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गई है। फीस वृद्धि के विरोध में चल रहे छात्र आंदोलन ने अचानक एक नया रूप ले लिया, जब प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्र-छात्राओं द्वारा ‘हम लेकर रहेंगे आजादी’ और ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाह हू अकबर’ जैसे नारे जोर-शोर से लगाए गए। स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले यूनिवर्सिटी परिसर में गूंजे इन नारों ने न सिर्फ लोगों को चौंका दिया, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रदर्शन के दौरान माहौल तब और ज्यादा तनावपूर्ण हो गया, जब कुछ पूर्व छात्र और कथित बाहरी लोग कैंपस में पहुंचे और ‘हम नोच के लेंगे आज़ादी’, ‘हम तोड़ के लेंगे आज़ादी’ जैसे तीखे और उत्तेजक नारे लगाने लगे। इतना ही नहीं, एक पूर्व छात्र द्वारा तिरंगे को लेकर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से विवाद और भी गहरा गया है।
प्रदर्शन की आड़ में घुसपैठ का अंदेशा
विश्वविद्यालय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां अब इस बात की जांच में जुट गई हैं कि क्या यह प्रदर्शन केवल फीस वृद्धि के विरोध तक सीमित था या इसके पीछे कोई और मकसद भी छिपा था। सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शन में शामिल कई लोग एएमयू के मौजूदा छात्र नहीं हैं, जिससे बाहरी हस्तक्षेप की आशंका जताई जा रही है। दिल्ली स्थित शिक्षा मंत्रालय ने कुछ दिनों पहले देश की सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को एक पत्र जारी कर संभावित आतंकी खतरे और बाहरी हस्तक्षेप को लेकर सतर्क किया था।
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पत्र में कहा गया था कि कुछ स्थानीय स्लीपर सेल्स और संगठन विश्वविद्यालयों के माहौल को अस्थिर करने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और बाहरी तत्वों की पहचान करने के निर्देश दिए गए थे।एएमयू में जिस तरह से भड़काऊ नारे लगे और बाहरी लोगों की मौजूदगी सामने आई, उसने यूनिवर्सिटी प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। प्रदर्शन के बहाने शुरू हुई यह गतिविधि अब कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बनती दिख रही है।