BHU contract teacher: उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संविदा शिक्षकों के लिए नया साल खुशियों की सौगात लेकर आया है। लंबे समय से मानदेय बढ़ाने और ग्रेच्युटी का लाभ देने की मांग कर रहे शिक्षकों को आखिरकार राहत मिली है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर निर्णय लेते हुए शिक्षकों के मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि की है। साथ ही, उन्हें ग्रेच्युटी एक्ट-1972 के तहत लाने का फैसला किया गया है। यह लाभ जनवरी 2025 से प्रभावी होगा। इसके अतिरिक्त, शिक्षकों और उनके परिवारों को सर सुंदरलाल अस्पताल और ट्रामा सेंटर में निशुल्क चिकित्सकीय परामर्श भी मिलेगा। इस ऐतिहासिक फैसले से शिक्षकों में हर्ष और उत्साह का माहौल है।
मानदेय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी
BHU प्रशासन ने संविदा शिक्षकों के तीन वर्गों में मानदेय बढ़ाया है। असिस्टेंट प्रोफेसर या टीचिंग एसोसिएट का मासिक मानदेय 50,000 रुपये से बढ़ाकर 63,000 रुपये किया गया है। टीचिंग असिस्टेंट को अब 57,000 रुपये मिलेंगे, जो पहले 45,000 रुपये था। वहीं, इंस्ट्रक्टर श्रेणी के शिक्षकों का मानदेय 40,000 रुपये से बढ़ाकर 54,000 रुपये कर दिया गया है। इस प्रकार, शिक्षकों के वेतन में 10,000 से 13,000 रुपये तक की वृद्धि हुई है।
ग्रेच्युटी और पीएफ का लाभ
सभी संविदा शिक्षकों को ग्रेच्युटी एक्ट-1972 के तहत लाने का फैसला किया गया है। इसके तहत शिक्षकों के वेतन से 12% पीएफ की कटौती होगी, और विश्वविद्यालय भी उतनी ही धनराशि का अंशदान करेगा। यह कदम शिक्षकों को भविष्य के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा।
बीएचयू के इस फैसले का लाभ 100 से अधिक संविदा शिक्षकों को मिलेगा। बरकछा स्थित दक्षिणी परिसर में कार्यरत 40-45 संविदा शिक्षक और विश्वविद्यालय के अन्य विभागों में कार्यरत टीचिंग एसोसिएट सहित अन्य संविदा स्टाफ इससे लाभान्वित होंगे।
शिक्षकों में खुशी का माहौल
यह फैसला BHU प्रशासन द्वारा 2018 के बाद पहली बार मानदेय बढ़ाने के रूप में आया है। तब से शिक्षकों ने मानदेय बढ़ाने की लगातार मांग की थी। इस निर्णय के बाद शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनका कहना है कि यह न केवल उनकी मेहनत का सम्मान है बल्कि उनके और उनके परिवारों के लिए आर्थिक स्थिरता का भी आश्वासन है।
इस कदम से बीएचयू प्रशासन ने संविदा शिक्षकों के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया है, जो शैक्षणिक माहौल को और बेहतर बनाने में सहायक होगा।