BHU students clash: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) रविवार देर रात बवाल का अखाड़ा बन गया, जब IIT-BHU और बिरला हॉस्टल के छात्र आमने-सामने आ गए। बैरियर से निकलने को लेकर शुरू हुआ मामूली विवाद देखते ही देखते हिंसक रूप ले बैठा। आधी रात के बाद दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई और ईंट-पत्थर चले। बिरला हॉस्टल के बाहर खड़ी कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए। इस झगड़े में तीन छात्र घायल हो गए। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस और प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन हंगामा सुबह तक चलता रहा। तड़के पांच बजे तक IIT के छात्र डायरेक्टर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे रहे। फिलहाल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी कैंपस में कल रात BHU और बिरला हॉस्टल के छात्र भिड़ गए। मारपीट-पत्थरबाजी हुई। कई गाड़ियां टूट गईं। 3 छात्र चोटिल हो गए। पूरी रात हंगामा चला। कैंपस में सुरक्षा बढ़ाई गई है। सुरक्षा की वजह से बैरियर लगाए गए हैं। एक बैरियर से निकलने पर विवाद हुआ था। pic.twitter.com/qYSM7qIjQz
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) September 1, 2025
गार्ड से कहासुनी से शुरू हुआ बवाल
मिली जानकारी के अनुसार, रविवार देर रात IIT-BHU के कुछ छात्र हॉस्टल लौट रहे थे। इसी दौरान गार्ड ने उनका आईडी कार्ड मांगा, जिससे कहासुनी शुरू हो गई। विवाद बढ़ता देख बिरला हॉस्टल के छात्र भी वहां पहुंच गए। दोनों गुटों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हुआ और देखते ही देखते मामला हाथापाई में बदल गया। इस दौरान ईंट-पत्थर भी चले, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। बिरला हॉस्टल के बाहर खड़ी गाड़ियों को भी तोड़ दिया गया, जिससे छात्रों में दहशत फैल गई।
पुलिस और प्रॉक्टोरियल बोर्ड की एंट्री
घटना की सूचना मिलते ही लंका पुलिस और BHU प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने किसी तरह दोनों गुटों को अलग कराकर स्थिति को काबू में किया। हालांकि, IIT-BHU के छात्र देर रात से सुबह पांच बजे तक डायरेक्टर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे रहे। छात्रों की मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए।
प्रशासन मौन, तनाव बरकरार
घटना के बाद से विश्वविद्यालय परिसर में तनाव का माहौल है। छात्रों में आक्रोश है कि सुरक्षा व्यवस्था नाकाम रही। वहीं, BHU प्रशासन ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। छात्रों का कहना है कि यदि आरोपियों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो विरोध प्रदर्शन और तेज होगा।