यूपी निकाय चुनाव को लेकर SC का बड़ा फैसला। OBC आरक्षण के बिना कराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को निकाय चुनाव तीन महीने के लिए टालने की इजाजत दी है।SC ने कहा की जनवरी महीने में नहीं होंगे निकाय चुनाव। बता दें की हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है। जिसको लेकर बुधवार यानी आज सर्वोच्च अदालत में इस मामले की सुनवाई होनी थी।
आरक्षण के मामले में योगी सरकार को बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश में आरक्षण के मामले में योगी सरकार को बड़ी राहत। SC ने यूपी सरकार पर हाईकोर्ट द्वारा लगी रोक को खारिज कर दिया। साथ नगर निकाय चुनाव में OBC आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।कोर्ट ने यूपी सरकार को निकाय चुनाव तीन महीने के लिए टालने की इजाजत दी है। इस तीन महीने के समय में पिछड़ा वर्ग के लिए बनाया गया आयोग अपनी रिपोर्ट फाइल करेगा। इस दौरान कोई बड़ा नीतिगत फैसला नहीं लिया जा सकेगा। SC ने OBC कमीशन को 31 मार्च तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। इस मामले में SC ने सभी याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया। वहीं उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर भी SC ने अपना फैसला सुनाया। SC ने कहा की जनवरी महीने में नहीं होंगे निकाय चुनाव। बता दें की राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। सरकार की तरफ से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता केस लड़ रहे हैं। 2 जनवरी को हुई सुनवाई में मेहता ने SC के सामने सरकार का पक्ष रखा था। उन्होंने कहा कि सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन कर दिया है। स्थानीय निकाय चुनाव अब आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही कराया जाएगा।
सीएम योगी ने किया ट्वीट
जिसके बाद सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा की- माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में दिए गए आदेश का हम स्वागत करते हैं।
माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई समय सीमा के अंतर्गत ओबीसी आरक्षण लागू करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार निकाय चुनाव संपन्न कराने में सहयोग करेगी।
पूरा मामला?
यूपी नगर निकाय चुनाव में OBC आरक्षण पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 26 दिसंबर को बड़ा फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने OBC आरक्षण के बिना ही निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था। ऐसे में OBC के लिए आरक्षित सीट अब जनरल मानी जाएगी। वहीं, कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया सामने आई थी। उन्होंने मामले में SC जाने की बात कही थी। उन्होने कहा कि पहले OBC आरक्षण देंगे, फिर चुनाव कराएंगे।
हाईकोर्ट का फैसला रद करने की मांग
पिछड़ा वर्ग आयोग गठित करने के अलावा योगी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी। पिछली सुनवाई पर यूपी सरकार ने अपील की थी कि सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले को रद करे। बीते 5 दिसंबर को योगी सरकार ने नगर निकाय चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी कि आरक्षण तय करने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित ट्रिपल टेस्ट फार्मूले का पालन नहीं किया गया है। लंबी सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सरकार की अधिसूचना रद्द करते हुए कहा कि बिना ट्रिपल टेस्ट फार्मूले के ओबीसी आरक्षण नहीं तय किया जा सकता।