लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। Sambhal Violence Jama Masjid उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव के साथ फायरिंग की। सीओ, एसपी के पीआरओ और इंस्पेक्टर समेत 25 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने सख्ती दिखाई और दंगाईयों को खदेड़ते हुए इलाके में शांति कायम की। पुलिस की तरफ से हिंसा को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई गई है, जिसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पुलिस की एफआईआर में सफेदपोश से लेकर तमंचा-दोमुंहा चाकू से हमले करने वालों के नाम है। कैसे साजिश रची गई और किसके कहने पर दंगा हुआ। पूरी कहानी एफआईआर के पन्नों में मौजूद है।
पहले जानें संभल हिंसा की पूरी कहानी
दरअसल, संभल की एक स्थानीय अदालत ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। कोर्ट ने हिन्दूपक्ष की याचिका के सुनवाई के बाद ये आदेश जारी किया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर टीम पहुंची। तभी वहां पर पहले से मौजूद भीड़ ने सर्वे का विरोध शुरू कर दिया। पुलिस ने उन्हें रोका तो भीड़ उग्र हो गई और पथराव शुरू कर दी। उपद्रवियों ने पुलिस पर फायरिंग की। पेट्रेल पंप से हमला किया। वाहनों को आग लगा दी। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागकर दंगाईयों पर कापू पाया। फिलहाल संभल के हालात नियंत्रण में हैं। इंटरनेट सेवा बंद है और स्कूलों में भी अवकाश घोषित किया गया है।
पुलिस की एफआईआर के मुताबिक
पुलिस की तरफ से संभल हिंसा पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है। एफआईआर की मुताबिक, नखासा चौराहे पर 150-200 की भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने सरकारी संपत्ति का नुकसान पहुंचाया और दहशत का माहौल बना दिया। भीड़ ने पुलिसकर्मियों की जान लेने की नीयत से ईंट-पत्थर, दोमुंहा चाकू, तमंचा और लाठी-डंडों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने भीड़ को समझाने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ मानने के लिए तैयार नहीं थी। भीड़ ने जामा मस्जिद के सर्वे की प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया।
पुलिस की लूटी पिस्टल मैगजीन
एफआईआर के मुताबिक कुछ उपद्रवियों ने उपनिरीक्षक संजीव कुमार की 9 एमएम की पिस्टल की मैगजीन लूट ली। पिस्टल भी लूटने की कोशिश की, इसके साथ ही रबर बुलेट के साथ बलैंक कारतूस, पलास्टिक पैलेट समेत जवानों से अन्य सामान मारपीट कर लूट लिया। भीड़ ने आंसू गैस के गोले भी लूट लिए। साजिश के तहत पुलिस पर पथराव हुआ। भीड़ से पुलिस पर फायरिंग हुई। गोली लगने से सीओ, एसपी के पीआरओ घायल हो गए।
जान से मारने की नीयत से हमला
एफआईआर के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली थी कि नखासा चौराहे पर जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में भीड़ इकट्ठा हो रही है। उपनिरीक्षक निशांत मलिक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इसी दौरान करीब 12ः35 बजे भीड़ ने सीसीटीवी कैमरों को तोड़ते हुए पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। उन्होंने पुलिसकर्मियों को जान से मारने की नीयत से हमला किया। सरकारी लेपर्ड मोटरसाइकिल और एक निजी बुलेट मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया गया।
सपा सांसद को बनाया गया आरोपी नंबर एक
एफआईआर में सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क को आरोपी नंबर वन बनाया गया है। एफआईआर में सपा विधायक के बेटे सुहैल इकबाल को नंबर दो आरोपी बनाया गया है। एफआईआर के अनुसार सपा के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने राजनीतिक फायदा पाने के लिए भीड़ को भड़काया। साथ ही सांप्रदायिक माहौल को खराब किया। हिंसा से दो दिन पहले ही सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क प्रशासन की अनुमति के बगैर जामा मस्जिद गए थे। पुलिस ने सपा सांसद को हिंसा का प्रमुख किरदार बताया है।
सपा विधायक का बेटा आरोपी नंबर 2
एफआईआर के अनुसार, सर्वे की प्रक्रिया को बाधित करने आई भीड़ के बीच में सपा विधायक के पुत्र सुहैल इकबाल भी मौजूद था। सुहैल ने भीड़ को उकसाया था, कहा था कि सांसद जियाउर रहमान बर्क हमारे साथ हैं। हम तुम्हारे साथ हैं, आप लोगों को कुछ नहीं होने देंगे। आप लोग अपने मंसूबों को पूरा करो, इतना सुनते ही भीड़ और भी उग्र हो गई। इस बीच भीड़ से आवाज आई कि सर्वे नहीं होने देंगे। एफआईआर में लिखा है कि राजनीति लाभ लेने के लिए भीड़ को उकसाया गया है।
2750 लोगों पर एफआईआर
सपा सांसद और सपा विधायक के बेटे के अलावा 2750 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने हिंसा में सात एफआईआर दर्ज की हैं। संभल में हुए बवाल के आरोपियों की तलाश में पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश जारी है। अब तक 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें तीन नाबालिग भी हैं। एक दर्जन से ज्यादा लोग हिरासत में हैं। हिंसा में चार युवकों की मौत भी हुई है। चारों की मौत देसी बंदूक की गोली से हुई है।










