UP Assembly Water Life Mission: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में ‘जल जीवन मिशन’ को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। बहस के दौरान एक ऐसा मोड़ आया जब योगी सरकार के जल संसाधन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक फहीम इरफान को अपनी पत्नी की कसम खाकर यह कहने की चुनौती दी कि उनके गांव में पानी नहीं पहुंचा है। यह घटना सदन में एक अभूतपूर्व स्थिति थी, जिसने न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि आम जनता के बीच भी काफी चर्चा पैदा की है।
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव जी बोल रहे थे तभी सपा विधायक मोहम्मद फहीम इरफान बोला-मेरे गांव में पानी नहीं आ रहा।
स्वतंत्र जी ने कहा-“बीवी की क़सम खाओ तुम्हारे यहाँ पानी नहीं मिला है, इस्तीफ़ा दे दूँगा अगर पानी नहीं गया होगा तो”
मोहम्मद पलट गया कि बीवी की कसम तो नहीं खा पाऊँगा😀 pic.twitter.com/oEe2CSSzXL
— Prashant Umrao (@ippatel) August 12, 2025
सपा विधायक इरफान ने उठाया सवाल
मुरादाबाद की बिलारी सीट से सपा विधायक फहीम इरफान ने ‘जल जीवन मिशन’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस योजना का क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कम प्रेशर की वजह से लोगों को पानी भरने में परेशानी हो रही है और हैंडपंप की व्यवस्था भी खत्म कर दी गई है। उन्होंने अयोध्या, बरेली, सीतापुर और मथुरा जैसे कई जिलों में पानी की टंकियों के गिरने और लोगों की मौत होने का भी आरोप लगाया, और इसके लिए मुआवजा देने की मांग की।
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का पलटवार
विधायक इरफान के आरोपों पर जल संसाधन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने योजना के तहत किए गए कार्यों का विस्तृत ब्यौरा दिया और सड़कों की मरम्मत की रिपोर्ट को सही ठहराया। इसी दौरान उन्होंने इरफान को चुनौती देते हुए कहा, “मैं इरफान से कहना चाहता हूं कि अपनी बीवी की कसम खा कर कहें कि मेरे गांव में पानी नहीं पहुंचा है।”
इरफान ने चुनौती स्वीकार करते हुए दिया इस्तीफा देने का प्रस्ताव
मंत्री की इस बात पर विधायक इरफान भड़क गए। उन्होंने मंत्री से ‘बीवी की कसम’ की बात न करने को कहा। इरफान ने आगे कहा कि वे किसी भी जिले की जांच के लिए तैयार हैं और अगर उनके आरोप गलत साबित होते हैं, तो वे विधानसभा से इस्तीफा दे देंगे। इस तरह यह बहस व्यक्तिगत चुनौती और आरोप-प्रत्यारोप में बदल गई, जिसने सदन में गरमागरमी का माहौल बना दिया। यह घटना विधानसभा की कार्यवाही में एक नया अध्याय जोड़ गई है।