Ghazipur News : थाने में 30 पुलिसवालों की ‘थर्डडिग्री’ से बीजेपी नेता की मौत, SP ने SHO समेत 11 पर गिराई गाज

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के एक पुलिस स्टेशन पर पुलिस का रौद्र रूप देखने को मिली। पुलिसकर्मियों ने थाने की लाइट बंद करवाकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़कर पीटा। पिटाई में घायल बीजेपी कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की गुरुवार को मौत हो गई।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के एक पुलिस स्टेशन पर पुलिस का रौद्र रूप देखने को मिला । पुलिसकर्मियों ने थाने की लाइट बंद करवाकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़कर पीटा। पिटाई में घायल बीजेपी कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की गुरुवार को मौत हो गई। वह दिव्यांग थे। लाठीचार्ज के दौरान वह भाग नहीं पाए और गिर पड़े। परिजनों का आरोप है पुलिस ने उन्हें बेरहमी से पीटा था। पूरा शरीर काला पड़ गया था। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की।

थाना नोनहरा क्षेत्र के गांव रुकन्दीपुर में 9 सितंबर को बिजली का खंभा लगाने को लेकर प्रधान और पूर्व प्रधान पक्ष के बीच विवाद हुआ। शाम को एक पक्ष के 20-25 लोग थाने पहुंचकर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने लोगों को समझाया मामला। लेकिन लोग धरने से हटने को तैयार नहीं हुए। रात में अचानक बिजली चली गई। सियाराम भाग नहीं पाए और जमीन पर गिर पड़े। आरोप है कि पुलिस वालों ने लाइट काटी थी। इसी दौरान पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। गांव वालों के अनुसार, गांव रुकंदीपुर निवासी बीजेपी कार्यकर्ता सियाराम भाग नहीं पाए और जमीन पर गिर पड़े।

परिवारवालों का आरोप है कि 20 से 30 पुलिसवालों ने सियाराम की बेरहमी से पिटाई की। जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए। उनकी पीठ, पैर और अन्य जगह चोट के गंभीर निशान थे। पूरा शरीर काला पड़ गया था। किसी तरह वह अपने घर पहुंचे। दो दिन से उनका इलाज चल रहा था। गुरुवार सुबह उनकी मृत्यु हो गई। सियाराम के पिता गिरिजा उपाध्याय ने बताया, मेरा बेटा दिव्यांग था। थाने पर धरने पर बेटा गया हुआ था। लौट के आया तो उसे काफी चोट लगी थी। पूछने पर उसने बताया कि पुलिस ने लाठियों से बेरहमी से पीटा है। हम इंसाफ चाहते हैं। जिन पुलिसकर्मियों ने उसे मारा है, उन पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

सियाराम उपाध्याय के साथ गांव के मिंटू सिंह भी थाने पर धरने पर बैठे थे। मिंटू सिंह ने बताया, हम 40-50 लोग अपनी समस्या को लेकर थाने पर धरने पर बैठ थे। हम सभी वहां एक बजे रात तक धरना देते रहे। करीब डेढ़ बजे एसओ ने कप्तान से आदेश लेकर हम लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। सबको बहुत चोट आई। लाठीचार्ज के दौरान लाइट काट दी गई थी। गेट बंद कर दिया गया था। घेर कर पुलिसवालों ने हम लोगों को मारा। करीब 25-30 पुलिसकर्मियों ने पीटा। मुझे थाने के अंदर ले जाकर मारा गया। सबको कहीं न कहीं चोट आई है। सियाराम भागते समय गिर गए थे। चार सिपाहियों ने उन्हें बेरहमी से पीटा। हम लोग चाहते हैं पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया जाए।

बीजेपी जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय ने पहले सियाराम को बीजेपी कार्यकर्ता मानने से इनकार कर दिया था। गुरुवार को बीजेपी जिलाध्यक्ष, सियाराम के घर पहुंचे तो लोगों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। उनके बयान पर नाराजगी जताई। बाद में बीजेपी जिलाध्यक्ष ने माना कि सियाराम पार्टी के कार्यकर्ता थे, तब जाकर लोगों का गुस्सा शांत हुआ। सपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजकुमार पांडेय ने ब्राह्मण समाज से एकजुट होने का आह्वान किया। कहा समाज के लोग खुद को पहचानें और ताकत पैदा करें। यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। उन्होंने बीजेपी पर तंज करते हुए कहा कल सियाराम को कार्यकर्ता मानने से इनकार कर दिया गया। आज कार्यकर्ता मान लिया गया। ऐसे ही हमारे समाज का सत्यानाश हो जाएगा। एकजुट हो जाओ, यही कहना चाहता हूं।

मामले की गंभीरता को देखते हुए गाजीपुर के एसपी एसपी डा. ईरज राजा, मृतक सियाराम के घर पहुंचे। परिजनों से बात की। एसपी ने थाने में हुई इस घटना पर बड़ा एक्शन लिया है। एसपी ने थाना प्रभारी निरीक्षक वेंकटेश तिवारी, दरोगा अवधेश कुमार राय, हेड कॉन्स्टेबल नागेंद्र सिंह यादव, सिपाही धीरज सिंह, अभिषेक पांडेय, राकेश कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। साथ ही दरोगा कमलेश गुप्ता, जुल्फिकार अली, सिपाही मुलायम सिंह, राघवेंद्र मिश्र, राजेश कुमार को लाइन हाजिर की कार्रवाई की है। एसपी ने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच करवाई जा रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।

 

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