Meerut BLO SIR Form Suicide Attempt: मेरठ में SIR (स्पेशल समरी रिविज़न) की तैयारी में जुटे बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) पर बढ़ते काम के दबाव का एक गंभीर मामला सामने आया है। सिंचाई विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत और BLO की ज़िम्मेदारी निभा रहे मोहित चौधरी ने कथित तौर पर SIR फॉर्म भरवाने के अत्यधिक दबाव और अपने सुपरवाइज़र की धमकियों से तंग आकर घर की छत पर ज़हरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की कोशिश की। घटना के बाद उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका इलाज चल रहा है।
इस Meerut घटना ने Meerut विभागीय कर्मचारियों में भारी रोष पैदा कर दिया है, जिसके चलते देर रात तक अस्पताल परिसर में प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा और नारेबाजी होती रही। परिजनों का आरोप है कि सुपरवाइज़र आशीष शर्मा मोहित पर लगातार दबाव बना रहे थे और काम पूरा न होने पर उन्हें सस्पेंड करने या FIR दर्ज कराने की धमकी दे रहे थे। यह घटना BLOs के मानसिक स्वास्थ्य और कार्यभार को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।
#मेरठ सिंचाई विभाग में बाबू BLO मोहित ने जहर खा लिया है. मोहित पर बिना ट्रेनिंग काम का प्रेशर था. घरों के चक्कर काटने के बावजूद वोटर फॉर्म देने के लिए तैयार नहीं है. सुपरवाइजर उन्हें बार-बार निलंबित करने की धमकी दे रहा था. मोहित की हालत गंभीर है. पत्नी ने पूरी व्यथा बताई pic.twitter.com/diL1DSuty7
— Narendra Pratap (@hindipatrakar) December 3, 2025
काम के बोझ और धमकी से टूटा कर्मचारी
Meerut गढ़ रोड स्थित मुरलीपुर निवासी मोहित चौधरी पिछले कई दिनों से सिंचाई विभाग के कार्य और BLO ड्यूटी की दोहरी ज़िम्मेदारी के चलते तनाव में थे। उनकी पत्नी ज्योति चौधरी ने बताया कि काम के बोझ से मोहित मानसिक रूप से टूट चुके थे और उन पर SIR फॉर्म अपडेट करने और जमा कराने का लगातार दबाव था।
ज्योति ने सुपरवाइज़र आशीष शर्मा पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी धमकियों के कारण ही मोहित ने यह कदम उठाया। परिवार ने प्रशासन पर बिना किसी उचित प्रशिक्षण के मोहित को SIR जैसे तकनीकी कार्य सौंपने में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया है।
अस्पताल में हंगामा और कर्मचारियों का रोष
मंगलवार देर शाम जहरीला पदार्थ खाने के तुरंत बाद मोहित को परिजनों ने लोकप्रिय अस्पताल में भर्ती कराया। घटना की सूचना मिलते ही विभागीय यूनियन पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कर्मचारी अस्पताल पहुँच गए। कर्मचारियों ने ज़ोरदार हंगामा करते हुए प्रशासन पर BLO को ‘मशीन या बैल’ समझकर काम लेने का आरोप लगाया और कहा कि काम का दबाव अब असहनीय हो चुका है। उन्होंने अधिकारियों पर स्पष्ट निर्देश देने का आरोप लगाया कि ‘चाहे जैसे भी हो फॉर्म अपडेट करके दो’।
ADM-E ने दिए जाँच के निर्देश
Meerut अस्पताल में तनाव की स्थिति को देखते हुए देर रात ADM-E सत्यप्रकाश मौके पर पहुँचे। उन्होंने घायल मोहित के बयान दर्ज किए और परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। ADM-E ने कहा कि यह मेरठ में इस तरह की पहली घटना है और यदि किसी अधिकारी ने सस्पेंड या FIR की धमकी दी है, तो जाँच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि BLO मोहित ने अपना 75% काम पूरा कर लिया था और वह विभाग के अच्छे कर्मचारियों में से एक थे।
BLOs की प्रमुख मांगें
अस्पताल में मौजूद तमाम BLOs और कर्मचारियों ने प्रशासन से तत्काल निम्नलिखित माँगे की हैं:
SIR कार्य में लगे सभी फील्ड कर्मियों को उचित प्रशिक्षण दिया जाए।
काम का अतिरिक्त भार तुरंत कम किया जाए।
किसी भी प्रकार के दुरुपयोग या धमकी को तुरंत रोका जाए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
कर्मचारियों का कहना है कि बढ़ते दबाव और अव्यवस्थित कार्यप्रणाली की वजह से कई BLOs पहले भी अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन सिस्टम में कोई सुधार नहीं हुआ है।
वर्तमान स्थिति
फिलहाल, मोहित चौधरी की स्थिति नाज़ुक बनी हुई है और उनका इलाज जारी है। परिवार और कर्मचारी अस्पताल में डटे हुए हैं और प्रशासन की ओर से त्वरित तथा निष्पक्ष कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर चुनावी और प्रशासनिक कार्यों में लगे फील्ड कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी है।








