लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या खुशी से मुस्करा रही है। सरयू भी मधुर गीत गुनगुना रही है। भक्त भी गदगद है तो वहीं अयोध्यावासी भी भगवान श्रीरामलला की जय-जयकार कर रहे हैं। गली-मोहल्लों और गांव में चौपालें सज रही हैं। प्रचंड ठंड में राम की नगरी में बीजेपी के पहलवान के नाम के चर्चे जोरों पर हैं। बिल्लु भाई भी खुश हैं और 2029 का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। तो वहीं त्रिभुवन सिंह भी गदर काटे हुए हैं। डंके की चोट पर कह रहे हैं, गोंडा के नेता जी ही अयोध्या के अगले खेवनहार होंगे। दबदबे वाला नेता जी चौथी बार नरेंद्र मोदी को पीएम बनाएंगे। 2024 में मिली हार का बदला पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह लेंगे।
बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह अब लाव-लश्कर के साथ फिर से सियासी दंगल में उतर चुके हैं। दबदबे वाले नेता जी योगी आदित्यनाथ को तीसरी बार सीएम बनाने के लिए फील्डिंग सेट कर रहे हैं। अयोध्या में मिली हार का वह बदला देने के लिए कमर कस चुके हैं। पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने 2029 का लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। ऐसी चर्चा है कि बृजभूषण शरण सिंह अपनी जन्मभूमि के बजाए अपनी कर्मभूमि यानि अयोध्या से चुनाव के मैदान में उतर सकते हैं। इसके संकेत भी बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने देने भी शुरू कर दिए हैं। ऐसे में बीजेपी के पूर्व बृजभूषण शरण सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो राष्ट्रीय कथा महोत्सव का बताया जा रहा है।
जिसमें बृजभूषण शरण सिंह एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने पाटन क्षेत्र के युवाओं से कहते हुए सुनाई दिए कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में कथा सुनने के लिए आएं। उन्होंने युवाओं से कहा कि इसबार की रामकथा युवाओं के लिए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि हम पाटनक्षेत्र में जल्द ही सनातनी सेना को बनाएंगे। पहले चरण में सनातनी सेना में 9 लाख युवाओं की भर्ती की जाएगी। ये सनातनी सेना धर्म का प्रचार-प्रसार करेगी। वीडियो वायरल होने के बाद अब लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें लिख रहे हैं। एक यूजर्स ने लिखा कि बृजभूषण शरण सिंह 2029 का लोकसभा चुनाव अयोध्या से लड़ेंगे। पूर्व सांसद अगर अयोध्या से चुनाव लड़ते हैं तो उनकी जीत तय हैं। बता दें, 2024 के लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट से सपा उम्मीदवार की जीत हुई थी।
दरअसल, भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण ने बड़ा एलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि मैं 2029 में लोकसभा का लड़ूंगा चुनाव, कोई ताकत रोक नहीं सकती। उन्होंने अपने शायरना अंदाज में कुछ गुनगुनाया। पूर्व सांसद ने कहा कि अगर किसी सोते हुए को गफलत से जगा देना बगावत है। किसी कमज़ोर के हक को दिला देना बगावत है, अगर सच्चाइयों के गीत गाना बगावत है तो हम भी एक बागी हैं और हमारा मजहब भी बगावत है। पूर्व सांसद ने कहा कि 2027 में उनका चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन 2029 में वह निश्चित रूप से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उनका एक बेटा भाजपा से विधायक है, दूसरा बेटा सांसद है, भतीजा ब्लॉक प्रमुख है और उनकी पत्नी भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।
बृजभूषण शरण सिंह ने आगे कहा कि उनकी पूरी टीम और विचारधारा भारतीय जनता पार्टी की है। उनके सहयोगी भी भाजपा से जुड़े हैं। उन्होंने इन अटकलों को यह कहकर खारिज किया कि कभी-कभी सच बोलने पर लोगों को लगता है कि वह समाजवादी पार्टी के समर्थक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सच बोलना कोई अपराध नहीं है और वह अभी भारतीय जनता पार्टी में हैं, किसी अन्य पार्टी में जाने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी टीम व विचारधारा भाजपा की है। इसी बयान के बाद अब सोशल मीडिया में ऐसी चर्चा है कि बृजभूषण शरण सिंह अपनी कर्मभूमि अयोध्या की तरफ से कूच कर सकते हैं। लोग दावा कर रहे हैं कि बृजभूषण शरण 2029 का लोकसभा चुनाव अयोध्या से लड़ेंगे। लोग ऐसा भी दावा कर रहे हैं कि पार्टी हाईकमान के साथ भी बृजभूषण शरण की बात हो चुकी है।
बृजभूषण शरण सिंह और अयोध्या एक-दूसरे के लिए बने हैं। बृजभूषण के सियासी सफर की बात करें तो अयोध्या उनके लिए हमेशा अहम रही। रामनगरी से ही उनको पहचान मिली। अयोध्या आंदोलन के गर्भ से उपजे नेता बृजभूषण शरण सिंह की सियासत निरंतर बुलंदी हासिल करती गई। वे राजनीति के ऐसे पहलवान बनके उभरे जिन्हें कभी कोई पटखनी नहीं दे पाया। 90 के दशक में बृजभूषण शरण सिंह अयोध्या आंदोलन से जुड़ गए। जब लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा निकली और उन्हें बिहार में गिरफ्तार किया गया तो उस समय फैजाबाद (अब अयोध्या) प्रशासन ने बृजभूषण शरण सिंह को एक महीने के लिए जेल में बंद कर दिया था। आडवाणी जब जेल से छूटे तो उन्होंने पहली यात्रा अयोध्या से शुरू की। इस दौरान बृजभूषण गोंडा से फैजाबाद, फैजाबाद से अयोध्या और अयोध्या से लखनऊ तक आडवाणी की गाड़ी में सारथी बनकर यात्रा के दौरान साथ रहे।
बृजभूषण मंदिर आंदोलन के बड़े चेहरों में शामिल थे। 1992 में बाबरी विध्वंस हुआ तो आरोपियों की लिस्ट में जिन 40 लोगों का नाम था उसमें लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह के साथ बृजभूषण भी थे। बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई ने सबसे पहले बृजभूषण को गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के साथ बृजभूषण बड़ा नाम बन गए। बृजभूषण शरण सिंह को पहलवानी का भी शौक रहा। उन्होंने हनुमानगढ़ी में ही पहलवानी का दांवपेच सीखा था। बृजभूषण 1975 में यहां पढ़ने आए थे। उन्होंने हिंद केसरी बाबा हरशिंकर दास के साथ लंबे समय तक पहलवानी में भी हाथ आजमाया। उनकी गणना चोटी के पहलवानों में होती रही। इस समय हनुमानगढ़ी के बड़ा अखाड़ा का जीर्णोद्धार भी बृजभूषण द्वारा कराया जा रहा है।
बृजभूषण की सियासत में अयोध्या का अहम योगदान है। उन्होंने अवध यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद साकेत महाविद्यालय में छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और जीते भी। बस यहीं से उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत हो गई। 1980 के दौर में पूर्वांचल के 8-10 जिलों में युवा नेता के तौर पर उनका नाम गूंजता था। 1987 में गन्ना समिति के चेयरमैन का चुनाव लड़ा और पहली बार में ही जीत गए। 1988 के दौर में वो पहली बार भाजपा के संपर्क में आए। बीजेपी से जुड़ने के बाद बृजभूषण ने पहली बार विधान परिषद यानी एमएलसी का चुनाव लड़ा, लेकिन 14 वोट से हार गए। फिर अयोध्या आंदोलन से जुड़ते ही बृजभूषण शरण सिंह की किस्मत पलट गई और बीजेपी ने सीधे गोंडा सीट से लोकसभा का टिकट दे दिया। अपने पहले संसदीय चुनाव में ही बृजभूषण शरण सिंह ने एक लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। तमाम आरोपों, विवादों और जेल यात्रा के बावजूद वो चुनाव जीतते रहे।









