BSP Jiladhyaksh List: 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी अपने संगठन को मजबूत करने में जुट गई है। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक (BSP Jiladhyaksh List) में कई बड़े फैसले लिए हैं जिनमें युवाओं को प्राथमिकता देने और पार्टी में सलाहकार पद को फिर से स्थापित करने जैसे निर्णय शामिल हैं।
संगठन में हुए बड़े बदलाव
पार्टी संस्थापक कांशीराम के समय में प्रचलित ‘सलाहकार’ पद को फिर से स्थापित किया जा रहा है। अनुभवी नेताओं को सलाहकार के रूप में जिलों में तैनात किया जाएगा। लखनऊ मंडल के जिलाध्यक्षों की नई सूची जारी की गई है जिसमें शैलेंद्र गौतम (लखनऊ), राजेश कुमार फौजी (रायबरेली), दिनेश गौतम (उन्नाव), सुरेश चौधरी (हरदोई), विपिन कुमार गौतम (लखीमपुर खीरी) और विकास राजवंशी (सीतापुर) शामिल हैं। ‘भाईचारा संगठन’ के नए संयोजक नियुक्त किए गए हैं जो पार्टी का जनाधार बढ़ाने का काम करेंगे।
मायावती ने खुद संभाली कमान
भतीजे आकाश आनंद और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित करने के बाद मायावती ने सीधे संगठन की कमान संभाल ली है। उन्होंने साफ किया कि पार्टी में केवल मेहनतकश कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाया जाएगा और उनके जीवित रहते कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। 2012 में सत्ता गंवाने के बाद बसपा की भाईचारा कमेटियां लगभग समाप्त हो गई थीं। अब इन कमेटियों को फिर से सक्रिय किया जा रहा है ताकि पिछड़े वर्गों, विशेषकर ओबीसी समुदाय में पार्टी की पैठ मजबूत की जा सके। मायावती का लक्ष्य दलितों के साथ-साथ पिछड़े वर्गों को भी साथ लेकर चलना है।
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ओबीसी में पैठ बनाने की रणनीति
पार्टी प्रमुख ने हाल ही में दिए एक बयान में कहा कि बसपा को कमजोर करने के लिए कुछ दल हथकंडे अपना रहे हैं लेकिन मैं अपने भाई-बहनों के रिश्ते को कमजोर नहीं होने दूंगी। जो भी कार्यकर्ता मेहनत करेगा उसे जिम्मेदारी दी जाएगी। 2027 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए बसपा ने संगठन को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मायावती के नेतृत्व में पार्टी पुराने सिद्धांतों पर लौट रही है और सामाजिक समीकरणों को मजबूत करने पर जोर दे रही है। अब यह देखना होगा कि इस रणनीतिक बदलाव से बसपा को 2027 में कितना फायदा मिलेगा।