CJI Sanjeev Khanna Blast On UP Police: देश की सबसे बड़ी अदालत ने सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर जमकर हमला बोला। सुप्रीम कोर्ट के CJI संजीव खन्ना ने सख्त लहजे में कहा कि यूपी में सिविल केसों को क्रिमिनल केस में तब्दील करना अब आदत बन चुकी है। उन्होंने पुलिस को चेताया कि ये तरीका अब नहीं चलेगा – अगर ऐसा फिर हुआ तो IO को कटघरे में खड़ा किया जाएगा और उस पर क्रिमिनल केस बनेगा। इतना ही नहीं, सीजेआई ने डीजीपी तक को लपेटे में लेते हुए दो टूक कह दिया कि वे खुद इस मामले में कार्रवाई करें वरना कोर्ट जुर्माना लगाएगा। वकीलों को भी अदालत से खरी-खोटी सुननी पड़ी।
सिविल केस को क्रिमिनल बना रही यूपी पुलिस, सुप्रीम कोर्ट में खुला पोल
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसे मामले की सुनवाई हुई, जिसमें एक सिविल विवाद को उत्तर प्रदेश पुलिस ने आपराधिक मुकदमे में बदल दिया था। इस पर CJI संजीव खन्ना ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि सिर्फ पैसे न देना अपराध नहीं होता। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यूपी पुलिस लगातार सिविल विवादों को क्रिमिनल मुकदमों में बदल रही है, जो पूरी तरह गलत है।
सीजेआई ने कहा, “यह चौंकाने वाली बात है कि यूपी में आए दिन ऐसा हो रहा है। वकील भी अब यह भूल गए हैं कि सिविल और क्रिमिनल कानून में फर्क होता है। यह न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ है।”
‘IO को कटघरे में खड़ा करो, डीजीपी कार्रवाई करें!’
CJI खन्ना इतने नाराज़ दिखे कि उन्होंने सीधे इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर को कटघरे में बुलाने का आदेश दे डाला। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में खुद IO को कटघरे में लाकर आपराधिक मामला बनाना चाहिए ताकि उन्हें भी सबक मिले। उन्होंने टिप्पणी की, “यह कोई तरीका नहीं है चार्जशीट दाखिल करने का।”
साथ ही, उन्होंने डीजीपी को भी चेतावनी दी और कहा कि इस पूरे मामले की निगरानी करें और कोर्ट के निर्देशों का पालन करें। डीजीपी से कोर्ट ने हलफनामा (एफिडेविट) मांगा है, जिसमें उन्हें दो हफ्तों का समय दिया गया है।
कोर्ट का बड़ा फैसला, IO का बयान कोर्ट में दर्ज होगा
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि संबंधित IO अदालत में पेश होकर अपना बयान दर्ज कराएगा। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जब तक IO अपना बयान और एफिडेविट दाखिल नहीं करता, तब तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होगी।
हालांकि यूपी पुलिस के वकील ने इस निर्देश का विरोध किया, लेकिन CJI ने उसे दरकिनार करते हुए दो टूक कह दिया कि पहले एफिडेविट दाखिल कीजिए। इस पूरे मामले को कोर्ट ने 5 मई तक के लिए टाल दिया है।
फिर ऐसा हुआ तो पुलिस पर लगेगा जुर्माना
CJI ने यह साफ कर दिया है कि भविष्य में अगर इस तरह का मामला सामने आया तो यूपी पुलिस पर सीधे जुर्माना ठोका जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का यह सख्त रुख अब यूपी पुलिस के लिए चेतावनी से कम नहीं है, और डीजीपी से लेकर निचले स्तर के अधिकारियों तक सबकी जवाबदेही तय होगी।