CM Yogi Cabinet: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में उन्होंने 95 नई सिंचाई परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी है, जिनकी कुल लागत $394.53 करोड़ से अधिक है। इन परियोजनाओं का प्राथमिक उद्देश्य प्रदेश की नहर व्यवस्था को मजबूत करना, किसानों को समय पर सिंचाई का पानी उपलब्ध कराना और जल प्रबंधन की दक्षता में सुधार लाना है।
इन कार्यों के पूरा होने पर लगभग 36 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई क्षमता पुनर्स्थापित होगी, जिससे सीधे तौर पर 9 लाख से अधिक किसान और ग्रामीण आबादी लाभान्वित होंगे। सीएम योगी ने अधिकारियों को गुणवत्ता और समय सीमा पर कोई समझौता न करने का कड़ा निर्देश दिया है, सुनिश्चित करते हुए कि ये परियोजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगी।
₹394.53 करोड़ की लागत से सुधरेगा सिंचाई नेटवर्क
CM Yogi आदित्यनाथ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के किसानों को बड़ी खुशखबरी दी है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक में नहर व्यवस्था को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से उन्होंने 95 नई परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं प्रदेश के कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों को समयबद्ध सिंचाई उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
कुल ₹39453.39 लाख (लगभग $394.53 करोड़) की लागत वाली इन परियोजनाओं के पूरा होने पर 36 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता पुनर्स्थापित होगी। इससे लगभग 9 लाख किसान और ग्रामीण आबादी को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। साथ ही, 273 हेक्टेयर विभागीय राजकीय भूमि को संरक्षित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी स्वीकृत काम निर्धारित समय सीमा में पूरे किए जाएं और गुणवत्ता पर किसी भी स्थिति में समझौता न किया जाए।
क्या-क्या शामिल है इन परियोजनाओं में?
CM Yogi Cabinet बैठक में बताया गया कि नहर पुनर्स्थापना से जुड़ी इन 95 परियोजनाओं में नहर प्रणाली के गैप्स में नहर निर्माण, हेड रेगुलेटर, क्रॉस रेगुलेटर, साइफन, फॉल और अन्य पक्की संरचनाओं का निर्माण शामिल है।
नहरों का सुधार: नहरों के आंतरिक और बाह्य सेक्शन के सुधार, फिलिंग रीच में लाइनिंग के कार्य, और क्षतिग्रस्त कुलाबों के पुनर्निर्माण।
आधारभूत संरचना: नहरों पर पुल-पुलियों के निर्माण और मरम्मत तथा नहर पटरियों पर खड़ंजा निर्माण को भी शामिल किया गया है।
विभागीय संपदा: निरीक्षण भवनों, कार्यालय भवनों और नहरों पर निर्मित पनचक्कियों के जीर्णोद्धार के साथ ही विभागीय भूमि की सुरक्षा हेतु बाउंड्रीवाल निर्माण भी प्रस्तावित है।
इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से सिंचाई नेटवर्क की क्षमता बढ़ेगी और पूर्वांचल, तराई, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा।
उद्देश्य: किसान हित, उत्पादन वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती
CM Yogi ने स्पष्ट किया कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य केवल निर्माण नहीं, बल्कि जल प्रबंधन की दक्षता, किसान हित, कृषि उत्पादन वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के किसी भी किसान की फसल सिंचाई के अभाव में प्रभावित न होने पाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में विभाग को अनुपयोगी पड़ी भूमि के सर्वेक्षण और उसके सदुपयोग हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय भूमि का सुविचारित उपयोग विभाग की आय संवर्द्धन में सहायक होगा। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रबंधन से जुड़े कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि अगले साल की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां जनवरी से शुरू कर दी जाएं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन से विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने पर जोर दिया ताकि समय रहते आगे की कार्यवाही सुनिश्चित हो सके।









