लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। कानपुर से एक पोस्टर जारी होता है। ये पोस्टर चंद मिनटों के अंदर शहर की हर गली मोहल्ले में लग जाता है। इस पोस्टर पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा होता है। पोस्टर की लॉन्चिग के बाद से इसको लेकर विवाद हो शुरू हो जाता है। पुलिस हरकत में आती है और पोस्टरों को हटाने के अभियान में जुट जाती हैं। पुलिस आगे की कार्रवाई कर पाती, उससे पहले ही ये पोस्टर सोशल मीडिया में गर्दा उड़ाने लगता है। फिर क्या था कानपुर से निकल कर ये पोस्टर देश के कई शहरों में ऑन-बान के शान साथ अपनी दस्तक दे देता है। हिन्दू संगठनों की एंट्री होती है। पोस्टर को हटाए जानें की मांग उठने लगती है। कई शहरों में एक समुदाय के लोग सड़क पर उतर आते हैं और ‘आई लव मोहम्मद’ के लिए सिर तन से जुदा के नारे लगाने लगते हैं। हिंसा होती है। आगजनी होती है। पुलिस पर पथराव होता है। इसी कड़ी में ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर से बरेली धू-धू कर जलने लगता है। पुलिस हरकत में आती है। उपद्रवियों पर कंट्रोल के लिए लाठीचार्ज करती है। मौलाना तौकीर रजा खां समेत दर्जनों लोगों को पुलिस अरेस्ट कर जेल भेजती है। बवाल के बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ गरजते हैं और उपद्रवियों पर कडी से कड़ी कार्रवाई का ऐलान करते हैं।
उत्तर प्रदेश के साथ ही देश के कई राज्यों में ‘आई लव मोहम्मद’ का विवाद काफी तूल पकड़ गया है। न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया है। बरेली में तो शुक्रवार को हालत काफी विस्फोटक हो गए और मुस्लिम समुदाय के लोगों और पुलिस के बीच जबरदस्त झड़प हुई। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया और इसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। मौलाना तौकीर राजा को पुलिस ने सलाखों के पीछे भेजा। बवाल के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो टूक शब्दों में कहा कि जिसने ये गुस्ताखी की है, उसे ऐसी सजा मिलेगी, जिससे उसकी सात पीढ़ियां याद रखेंगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने यहां तक कह दिया कि दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उपद्रवियों पर कार्रवाई के लिए किसी और समय का इंतजार न करें, यही सही समय है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि एक भी उपद्रवी बचने न पाए।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये लोग सिस्टम को ब्लॉक करना चाहते हैं। यही प्रवृति थी यूपी के अंदर। 2017 के पहले यही होता था। हम कह सकते हैं कि 2017 के बाद हमने कर्फ्यू भी नहीं लगने दिया लेकिन ऐसे बैरियर को चुन-चुन कर वे जिस प्रकार की भाषा को समझते थे उस प्रकार की भाषा से उनको समझाकर उनके किए की सजा दिलाने का काम भी किया गया। उत्तर प्रदेश की ग्रोथ स्टोरी यहीं से शुरू होती है। सीएम योगी ने तौफीक रजा का नाम लिए बगैर कहा कि मौलाना भूल गया था कि यूपी में अब बीजेपी की सरकार है। मौलाना को ये नहीं पता था कि यूपी में दंगा करने वालों को कैसी सजा मिलती है। मौलाना के हर एक साजिश का जवाब पुलिस देगी। जो-जो भी हिंसा में शामिल रहा होगा, उसे ऐसी सजा मिलेगी कि उसकी आने वाली कई पीढ़ियां याद रखेंगी। बता दें कि बरेली में अब तक 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। उपद्रवियों की धरपकड़ और ऐक्शन का सिलसिला जारी है। पुलिस और अर्धसैनिकबल के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं। बरेली में अब हालात कंट्रोल में हैं। आईजी से लेकर डीआईजी मौके पर जाकर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।
बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने 21 सितम्बर को वीडियो संदेश जारी कर कानपुर में अपने समाज के युवाओं पर झूठी कार्रवाई का आरोप लगाते हुए 26 सितम्बर को प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। गुरुवार रात इजाजत नहीं मिलने का हवाला देकर इस प्रदर्शन को रद्द कर दिया गया। लेकिन शुक्रवार की सुबह मौलाना ने फिर एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से इस्लामिया मैदान आने की अपील कर दी। वीडियो वायरल होने के बाद ही नमाज के बाद वहां भीड़ जुटने लगी। इसी दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। फिलहाल मौलाना सलाखों के पीछे हैं। वहीं सीएम योगी बरेली बवाल पर एक बार फिर गरजे। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘आपने देखा होगा कल बरेली के अंदर, मौलाना भूल गया कि शासन किसका है। वो ये मानता था कि धमकी देंगे और हम जबरदस्ती जाम कर देंगे। हमने कहा जाम नहीं होगा। कर्फ्यू भी नहीं लगेगा। लेकिन कर्फ्यू का सबक तुम्हें ऐसा सिखा देंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ी दंगा करना भूल जाएगी।
बरेली हिंसा पर एक्शन के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ का हेलीकाप्टर बहराइच के आसमान में उड़ा। सीएम योगी ने हेलीकॉप्टर के जरिए भेड़िए के ठिकानों को देखा। इसके बाद कैसरगंज रेंज के मंझारा तौकली गांव में भेड़िये के हमले में मृतक व घायल परिवारजनों से शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात कर उनका दुख-दर्द बांटा। संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के स्वजन को पांच लाख व घायल परिवार को 50 हजार की सहायता राशि देने का एलान किया। पीड़ित परिवार से मिलने से पहले मुख्यमंत्री को भेड़िया प्रभावित इलाकों में हवाई सर्वेक्षण में दो भेड़िये दिखे। मुख्यमंत्री ने मंच से कहा कि वन विभाग को भेड़िया पकड़ने के निर्देश दिए गए है। यह भी कहा गया है कि अगर पकड़ में न आए तो उन्हें शूट एट साइट कर दिया जाए। यह सुनते ही तालियों की गड़गड़ाहट से पंडाल गूंज उठा।
कैसरगंज रेंज के गांधीगंज गांव में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मंझारा तौकली में पिछले 15-20 दिनों से लगातार डर व दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्राम रोजगार सेवक, सफाई कर्मचारी, ग्राम पंचायत सचिव, सहायक विकास अधिकारी, ग्राम चौकीदार आदि की सहायता से गांवों में जन जागरण के साथ-साथ वन्यजीवों से बचाव का उपाय किया जा रहा है। वन विभाग की छह टीमों के अलावा भी कई टीमें मौके पर लगी हुई हैं। इसके बावजूद भी हमें चार ऐसे मासूम बच्चों को खोना पड़ा है, जो अलग-अलग घटना के शिकार हुए हैं। 16 लोग अब तक भेड़िये के हमले में घायल हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवरानी, श्याम रती देवी, मदन, चंद्रिका, हरदेई, मनीषा, अंजनी, पृथ्वी नाथ, सूरत लाल, राजाराम, दिपाली, संजू देवी, प्रिंसू, अनिकेत, सावित्री, हरीशचंद्र भेड़िये के हमले में घायल हुए हैं। लगातार एक ही गांव में भेड़िया ने हमला किया है। मृतक बच्चों को पांच-पांच लाख की सहायता राशि देने के साथ पक्का मकान देने के निर्देश जिला प्रशासन को दिया है। जिनके पास मकान हैं और दरवाजा नहीं है, दरवाजा लगवाने के निर्देश दिए हैं। शौचालय बनवाने के साथ ही घायलों को एंटी वेनम वैक्सीन लगाने के निर्देश दिए है। इससे रैबीज नहीं फैलेगा। उन्होने कहा कि वन विभाग को कहा गया कि है कि भेड़िया पकड़ में न आने पर शूट एट साइट कर दिए जाए। उन्होने कहा कि मै यहां केवल संवेदना व्यक्त करने के लिए आया हूं।










