CM Yogi Labour Meal Scheme: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को श्रमिक-हितैषी और उद्योग समर्थ राज्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। शुक्रवार को श्रम एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने कई घोषणाएं कीं, जिनमें श्रमिकों के लिए कैंटीन में मात्र 5 से 10 रुपये में चाय-नाश्ता और भोजन, बीमा सुरक्षा, न्यूनतम मानदेय की गारंटी जैसी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगों का विस्तार ही रोजगार सृजन का माध्यम है और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने बाल श्रमिकों के पुनर्वास, श्रमिक अड्डों के आधुनिकीकरण, विदेश जाने वालों के लिए भाषायी प्रशिक्षण और निजी अस्पतालों को योजनाओं से जोड़ने जैसे निर्णय भी लिए।
श्रमिकों की सुरक्षा, भोजन और मानदेय को लेकर सरकार गंभीर
CM Yogi आदित्यनाथ ने श्रम कानूनों को सरल और संतुलित बनाने के निर्देश दिए, जिससे उद्योगों को सुविधा मिले लेकिन श्रमिकों के अधिकारों की अनदेखी न हो। उन्होंने कहा कि श्रमिक और उद्योगपति एक-दूसरे के पूरक हैं और दोनों की समृद्धि से ही प्रदेश की तरक्की संभव है। बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि सभी श्रमिकों को बीमा सुरक्षा दी जाए और दुर्घटना की स्थिति में उनके परिवार को सम्मानजनक सहायता मिले। इसके अलावा सीएम ने बताया कि 2016 तक पंजीकृत कारखानों की संख्या लगभग दोगुनी हुई है, जो औद्योगिक विकास का प्रमाण है।
मॉडल श्रमिक अड्डे और बच्चों का पुनर्वास होगा प्राथमिकता
CM Yogi ने निर्देश दिया कि श्रमिक अड्डों को मॉडल के रूप में विकसित किया जाए, जहां कैंटीन, शौचालय, डोरमेट्री और ट्रेनिंग सेंटर जैसी मूलभूत सुविधाएं हों। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि कैंटीन में श्रमिकों को 5 से 10 रुपये में गुणवत्तापूर्ण भोजन मिलना चाहिए। साथ ही, बाल श्रमिकों के पुनर्वास को गति देने के निर्देश दिए, जिससे उन्हें न केवल आजीविका मिले, बल्कि एक सुरक्षित भविष्य भी सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और अन्य सरकारी योजनाओं से बच्चों को जोड़े जाने की योजना पर भी बल दिया गया।
अंतरराष्ट्रीय रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए नई योजनाएं
सीएम योगी ने यह भी कहा कि जो श्रमिक विदेशों में रोजगार के लिए जाना चाहते हैं, उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण के साथ-साथ गंतव्य देश की भाषा का ज्ञान भी दिया जाए। यह उनकी सुरक्षा और सफलता के लिए आवश्यक है। इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिया कि निजी अस्पतालों को सीएसआईसी और ईएसआईएस जैसी स्वास्थ्य योजनाओं से जोड़ा जाए, ताकि संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को समुचित इलाज मिल सके। अटल आवासीय विद्यालयों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और निवेश मित्र पोर्टल पर शिकायतों के निस्तारण को भी उन्होंने प्राथमिकता दी।