कांवड़ मार्ग पर QR कोड का विवाद! सुप्रीम कोर्ट ने कसी कमर, यूपी-उत्तराखंड से मांगा जवाब

जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस एम. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने क्यूआर कोड और पहचान से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस भेजा है। याचिकाओं में यह दलील दी गई है कि दुकानदारों को अपनी पहचान सार्वजनिक करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। Ask ChatGPT

Kanwar Yatra 2025

Kanwar Yatra 2025 : कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों में मालिक की पहचान और धर्म से जुड़ा क्यूआर कोड लगाने के आदेश को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस एम. कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

दायर याचिकाओं में कहा गया है कि दुकानदारों को उनकी धार्मिक पहचान उजागर करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह संविधान के मूल अधिकारों का उल्लंघन है। यूपी सरकार की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा कि तब तक कांवड़ यात्रा समाप्त हो जाएगी और याचिका निष्प्रभावी हो जाएगी।

कोर्ट ने क्या कहा ? 

सुनवाई के दौरान एक पक्षकार ने कहा कि अब कुछ लोग, जो खुद कांवड़ यात्री भी नहीं हैं, दुकानों के मालिकों के नाम और धर्म की जांच करने लगे हैं, जिससे हालात और अधिक संवेदनशील हो गए हैं। कोर्ट ने इस पर गंभीरता जताते हुए कहा कि मामले की सुनवाई 22 जुलाई को की जाएगी। साथ ही सभी हस्तक्षेप याचिकाओं में उठाए गए बिंदुओं पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया गया है और अगली तारीख तक विस्तृत जवाब मांगा गया है।

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गौरतलब है कि कुछ जिलों में प्रशासन ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों, रेस्तराओं और खाने-पीने की दुकानों में मालिक की जानकारी और धर्म का उल्लेख करने वाला QR कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया है, जिसे लेकर विवाद गहराता जा रहा है।

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