प्रयागराज ऑनलाइन डेस्क। किन्नर अखाड़े में एक्टर ममता कुलकर्णी को लेकर बगावत चल रही है। इसी के चजते महाकुंभ में किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला हुआ। हिमांगी सखी गंभीर रूप से घायल हो गई हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जगद्गुरु ने हमले का आरोप आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर लगाया है।
किन्नर अखाड़े में बगावत
तीर्थराज प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़े मेले महाकुंभ का आयोजन चल रहा है। 13 जनवरी से लेकर 9 फरवरी के बीच करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर पुण्ण कमाया। संगम के तट पर अखाड़े के साधू-संत तपस्या कर रहे हैं। भक्त संतों के दर्शन कर आर्शीवाद मांग रहे हैं। पर किन्नर अखाड़े में ममता कुलकर्णी को लेकर बगावत चल रही है। एक धड़ा अभिनेत्री के महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर विरोध जता रहा है।
महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर लगाया आरोप
महाकुंभ के सेक्टर- 8 में किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी का कैंप हैं। शनिवार की देररात जगद्गुरु हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला हुआ। उन्हें बेहरमी से पीटा गया। पुलिस और सेवादारों ने जगद्गुरु हिमांगी सखी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया। फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। जगद्गुरु हिमांगी सखी ने हमले का आरोप किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर लगाया है। उनका कहना है कि ममता कुलकुर्णी के विरोध के कारण हम पर जानलेवा हमला किया गया।
इन लोगों ने किया हमला
जगद्गुरु हिमांगी सखी ने हमले को लेकर जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि रात करीब 9.50 बजे किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी अपने साथ पवित्रा, कलावती मां, कौशल्या नंदगिरी उर्फ टीना मां, कलकेश्वरी, आशानाथ के साथ मेरे पास पहुंचीं। ये लोग 10-12 गाड़ियों में 50 अन्य लोगों के साथ लाठी-डंडे, हॉकी, रॉड, तलवार, फरसा, त्रिशूल और असलहे लेकर मेरे शिविर में घुस आए।
लूट ले गए 10 लाख रुपए और सोने के जेवरात
जगद्गुरु हिमांगी सखी ने आगे बताया, मेरी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी को पकड़ लिया। लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और उनके साथियों ने जान से मारने की नीयत से मुझ पर हमला किया। मुझे लात-घूसों और डंडे से बुरी तरह मारा-पीटा। इससे मैं गंभीर रूप से घायल हो गई। मेरे सेवादार इन लोगों के हाथ-पैर जोड़ते रहे, लेकिन इन लोगों ने किसी की बात नहीं सुनी। ये लोग मेरे पास रखे हुए करीब 10 लाख रुपए और सोने के जवाहरात लूट ले गए।
जान से मारने की दी धमकी
जगद्गुरु हिमांगी सखी ने बताया कि जाते-जाते लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और उनके साथियों ने मुझे भद्दी-2 गालियां और धमकी दी। कहा कि अगर तुम ऐसे ही मीडिया में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के खिलाफ बयानबाजी करती रहोगी, तो हम लोग तुम्हें जान से खत्म कर देंगे। इस घटना की वीडियो रिकार्डिंग सीसीटीवी में मौजूद है। जगद्गुरु हिमांगी सखी ने कहा कि ममता कुलकुर्णी के विरोध के कारण उन्हें पीटा गया।
सारे आरोप निराधार
वहीं आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा, महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि और कल्याणी नंद गिरि का हिमांगी सखी से कुछ अंदरूनी विवाद था। इसके लिए हम सुलह-समझौता के लिए हिमांगी सखी के पास गए थे। मारने-पीटने का आरोप गलत है। उनके साथ किसी ने मारपीट नहीं की। उनके सारे आरोप निराधार हैं।
ममता कुलकर्णी का किया था विरोध
बता दें, हिमांगी सखी लगातार ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने का विरोध कर रही थीं। हिमांगी सखी ने कहा था, किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है, एक महिला को महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया। वो भी तब जब उसके अंडरवर्ल्ड से संबंध हैं। वहीं डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी खुलकर ममता कुलकर्णी के साथ हैं। उन्होंने ही एक्टर ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया था, जिसका विरोध हिमांगी सखी ने किया था।
कौन हैं हिमांगी सखी
हिमांगी मां उर्फ हिमांगी सखी महामंडलेश्वर हिमांगी सखी मूलरूप से मुंबई की रहने वाली हैं। माता-पिता के निधन और बहन की शादी के बाद वे वृंदावन चली गईं। गुरु की शरण में रहकर शास्त्रों का अध्ययन किया। फिर गुरु आज्ञा पर धर्म का प्रचार करने वृंदावन छोड़कर मुंबई चली गईं। मुंबई में उन्होंने फिल्मों में भी अभिनय किया, लेकिन धर्म में ही मन रमा रहा। बाद में सब कुछ छोड़कर हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में जुट गईं।
किन्नर जगद्गुरु की दी गई उपाधि
4 दिसंबर 2024 को हिमांगी सखी को पहली किन्नर जगद्गुरु की उपाधि दी गई थी। हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर की उपाधि पशुपतिनाथ पीठ अखाड़े से मिली है। यह अखाड़ा नेपाल में है। 2019 में प्रयागराज में हुए कुंभ में नेपाल के गोदावरी धाम स्थित आदि शंकर कैलाश पीठ के आचार्य महामंडलेश्वर गौरीशंकर महाराज ने उन्हें पशुपतिनाथ पीठ की महामंडलेश्वर की उपाधि दी।