Dimple Yadav controversy: समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव पर मौलाना साजिद रशीदी की अपमानजनक टिप्पणी के बाद सियासत गरमा गई है। हालांकि टिप्पणी को लेकर कई विपक्षी नेता और संगठन नाराजगी जाहिर कर चुके हैं, लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुप्पी अब भाजपा के निशाने पर आ गई है। लखनऊ में भाजपा एमएलसी सुभाष यदुवंश ने अटल चौक पर होर्डिंग लगाकर अखिलेश को घेरा है। इस होर्डिंग में उन्हें ‘मौन मुखिया’ बताया गया है। पोस्टर में Dimple के अपमान पर चुप्पी साधने पर सवाल उठाए गए हैं और बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
अटल चौक पर तंजभरे होर्डिंग, अखिलेश के मुंह पर पट्टी का कार्टून
भाजपा एमएलसी सुभाष यदुवंश की ओर से लगाए गए होर्डिंग में लिखा है, “पत्नी के अपमान पर चुप रहने वाले प्रदेश की बहन-बेटियों की सुरक्षा क्या करेंगे? धिक्कार है अखिलेश जी।” इसके साथ अखिलेश यादव का एक कैरिकेचर भी लगाया गया है, जिसमें उनके मुंह पर पट्टी बंधी हुई है। होर्डिंग में मौलाना साजिद रशीदी की भी तस्वीर है, जिनकी टिप्पणी को लेकर यह सारा विवाद शुरू हुआ।
होर्डिंग के सामने लोग तस्वीरें ले रहे हैं और यह सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। भाजपा समर्थक इस पोस्टर को अखिलेश की “वोटबैंक की राजनीति” से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि सपा खेमे में इस पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बेबीरानी मौर्य का हमला: “वोट के लिए महिला अस्मिता से समझौता”
इस Dimple मुद्दे को लेकर सोमवार को भाजपा के लखनऊ मुख्यालय पर एक प्रेस कांफ्रेंस हुई। महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि डिंपल यादव पर की गई टिप्पणी बेहद अपमानजनक थी, लेकिन अखिलेश यादव ने वोटबैंक के डर से चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा, “यह न सिर्फ एक महिला सांसद की गरिमा पर हमला है, बल्कि भारतीय संस्कृति पर भी चोट है। विचारधारा भले अलग हो, पर महिला का अपमान किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी निंदनीय ही नहीं, बल्कि शर्मनाक भी है। भाजपा हर महिला के सम्मान के लिए खड़ी है, चाहे वह किसी भी दल की हो।
संसद से लेकर सड़क तक विरोध, सपा की खामोशी पर उठे सवाल
सोमवार को संसद परिसर में भी एनडीए सांसदों ने मौलाना साजिद रशीदी की टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं भाजपा की महिला इकाई और अन्य संगठनों ने जगह-जगह अखिलेश यादव की चुप्पी को लेकर रोष व्यक्त किया। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक यह मामला अब अखिलेश के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है, खासकर जब महिला मतदाताओं को लेकर सभी दल बेहद सतर्क हैं।
Dimple यादव पर की गई टिप्पणी को लेकर सपा की चुप्पी अब खुद उसके लिए राजनीतिक चुनौती बनती जा रही है।