Disha Patani house shooting: बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के बरेली स्थित घर और उनके पिता पर हुई फायरिंग का बड़ा खुलासा हुआ है। बुधवार देर शाम गाजियाबाद में पुलिस मुठभेड़ में शामिल रहे शूटर रविन्द्र उर्फ बिन्दर और अरुण ढेर कर दिए गए। लेकिन इससे पहले दोनों बदमाशों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं, जिसमें दिल्ली स्पेशल सेल और नोएडा एसटीएफ के चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। दोनों शूटर रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग के सक्रिय सदस्य बताए जा रहे हैं। पुलिस ने मौके से तुर्की निर्मित जिगाना पिस्टल, ग्लाक पिस्टल, भारी मात्रा में कारतूस और अपॉचे बाइक बरामद की है। दोनों बदमाशों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
मुठभेड़ में ताबड़तोड़ फायरिंग, घायल हुए पुलिसकर्मी
गाजियाबाद जिले के ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र में बुधवार रात करीब सवा सात बजे पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान बदमाशों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों शूटर गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
फायरिंग में दिल्ली स्पेशल सेल और नोएडा एसटीएफ के चार पुलिसकर्मी – रोहित तोमर, कैलाश, अंकुर सिंह और जय कुमार घायल हुए हैं। पुलिस टीम की कई गाड़ियों पर भी गोलियां चलीं। घायल पुलिसकर्मियों का इलाज जारी है।
कौन थे मारे गए बदमाश?
पुलिस के अनुसार, मारे गए अपराधियों की पहचान रविन्द्र उर्फ बिन्दर निवासी रोहतक और अरुण निवासी सोनीपत के रूप में हुई है। दोनों लंबे समय से कुख्यात रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग के लिए काम कर रहे थे।
रविन्द्र का आपराधिक इतिहास बेहद लंबा रहा है। उसके खिलाफ हरियाणा और यूपी में 9 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी और पुलिस पर हमले जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
Disha Patani के घर फायरिंग से जुड़ा मामला
11 सितंबर को सुबह बरेली में Disha Patani के घर के बाहर अज्ञात बदमाशों ने गोलियां बरसाई थीं। इसके अगले दिन अभिनेत्री के पिता, सेवानिवृत्त डीएसपी जगदीश सिंह पाटनी को भी निशाना बनाया गया।
जांच में सामने आया कि बदमाशों ने Disha Patani की बहन खुशबू पाटनी, जो सेवानिवृत्त मेजर हैं, को सोशल मीडिया पर धमकियां भी दी थीं। इसी घटना को लेकर गठित एसटीएफ टीम ने छानबीन कर बदमाशों का पीछा किया और गाजियाबाद में घेराबंदी कर उन्हें पकड़ा।
गैंगस्टर कनेक्शन और पुराना आपराधिक रिकॉर्ड
एसटीएफ अधिकारी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि रविन्द्र पहले भी कई सनसनीखेज घटनाओं में शामिल रहा है।
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2022 में पानीपत के पीवीआर बरसत रोड इलाके में हत्या।
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2024 में फतेहाबाद में पुलिस कस्टडी से कैदी छुड़ाने की कोशिश, जिसमें मुठभेड़ हुई और एक आरोपी की मौत हो गई।
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2025 में बरेली में दिशा पाटनी के घर और पिता पर हमला।
ये दोनों बदमाश गैंगस्टरों के इशारे पर काम करते थे और विदेश से मिलने वाले निर्देशों के आधार पर घटनाओं को अंजाम देते थे।
जिगाना पिस्टल की दहशत
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने मौके से जिगाना पिस्टल (तुर्की निर्मित), एक ग्लाक पिस्टल, दर्जनों कारतूस और अपॉचे बाइक बरामद की।
जिगाना पिस्टल को गैंगस्टरों की पहली पसंद माना जाता है क्योंकि यह फायरिंग के दौरान कभी जाम नहीं होती और एक बार में 15-17 राउंड तक फायर कर सकती है। पुलिस जांच में सामने आया कि ये हथियार पाकिस्तान से ड्रोन और नेपाल बॉर्डर के जरिए भारत पहुंचते हैं और 4 से 7 लाख रुपये में गैंगस्टरों तक बेचे जाते हैं।
यही पिस्टल अतीक अहमद- अशरफ की हत्या और सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी इस्तेमाल की गई थी।
पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
इस एनकाउंटर में नोएडा एसटीएफ, दिल्ली स्पेशल सेल, हरियाणा एसटीएफ और यूपी पुलिस की टीम शामिल रही। पुलिस का कहना है कि गैंगस्टर नेटवर्क पर आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी और बदमाशों के सहयोगियों की तलाश तेज कर दी गई है।