DSP Zia ul Haq murder case: लखनऊ की सीबीआई विशेष अदालत ने 2013 के बहुचर्चित डीएसपी जिया उल हक हत्याकांड में 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट 9 अक्तूबर को इन सभी दोषियों को सजा सुनाएगी। इस मामले में आरोपी रहे उत्तर प्रदेश के कुंडा क्षेत्र से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को पहले ही सीबीआई जांच के बाद क्लीन चिट मिल चुकी है। दोषी ठहराए गए लोगों में फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव सहित 10 लोग शामिल हैं। यह घटना उस वक्त की है जब डीएसपी जिया उल हक कुंडा में कानून-व्यवस्था संभालने के लिए पहुंचे थे और भीड़ के हमले में उनकी जान चली गई थी।
2013 का बालीपुर हत्याकांड: भीड़ ने कर दिया था हमला
2 मार्च 2013 को उत्तर प्रदेश के कुंडा के बालीपुर गांव में ग्राम प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद हालात बेकाबू हो गए थे। DSP Zia ul Haq अपनी टीम के साथ हालात को काबू करने के लिए मौके पर पहुंचे थे। सीबीआई के अनुसार, नन्हे यादव के समर्थकों और परिवार ने पुलिस पर हमला बोल दिया था। इसी दौरान डीएसपी की लाठी-डंडों और हथियारों से हत्या कर दी गई थी।
10 आरोपी दोषी, 9 अक्तूबर को सजा
सीबीआई की विशेष अदालत ने फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन, छोटे लाल यादव, राम आश्रय, मुन्ना लाल यादव, शिवराम पासी और जगत पाल को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने सभी को हत्या, हमला और साजिश रचने का दोषी पाया।
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राजा भैया को मिली क्लीन चिट
इस हत्याकांड में कुंडा के चर्चित विधायक राजा भैया का भी नाम आया था। मृतक डीएसपी की पत्नी पर्नी ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि राजा भैया के करीबी नन्हे सिंह ने DSP Zia ul Haq पर गोली चलाई थी। हालांकि, सीबीआई जांच के बाद राजा भैया की भूमिका इस मामले में साबित नहीं हो पाई और उन्हें क्लीन चिट दे दी गई।
न्याय की प्रतीक्षा
अब सभी दोषियों को 9 अक्तूबर को सजा सुनाई जाएगी, जब अदालत अंतिम रूप से तय करेगी कि उन्हें किस सजा का सामना करना होगा।