Chaitanya Baghel arrest: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे Chaitanya Baghel को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई दुर्ग जिले के भिलाई में उनके आवास पर सुबह करीब 6:30 बजे शुरू हुई, जब ED की टीम तीन गाड़ियों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों के साथ पहुंची। यह छापेमारी शराब घोटाले और वित्तीय अनियमितताओं की जांच का हिस्सा है, जिसमें लगभग 2,161 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है। भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है, खासकर विधानसभा सत्र के आखिरी दिन और पंजाब में कांग्रेस महासचिव के तौर पर उनकी गतिविधियों के संदर्भ में।
छापेमारी और गिरफ्तारी का विवरण
ED ने Chaitanya Baghel के भिलाई स्थित आवास पर तलाशी अभियान चलाया, जो उनके पिता भूपेश बघेल के साथ साझा है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत नए साक्ष्यों के आधार पर की गई। छापेमारी के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया, और कुछ कांग्रेस समर्थक भी बघेल के आवास के बाहर जमा हुए।
ED ने चैतन्य बघेल को इस मामले में संदिग्ध “प्रोसीड्स ऑफ क्राइम” (अपराध की आय) का प्राप्तकर्ता माना है। इससे पहले मार्च 2025 में भी ED ने चैतन्य और उनके करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल के ठिकानों समेत छत्तीसगढ़ में 14 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें ₹30 लाख नकद, कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और दस्तावेज जब्त किए गए थे।
शराब घोटाले का आरोप
ED के अनुसार, यह कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। जांच में सामने आया कि सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और शराब कारोबारियों के एक कार्टेल ने शराब की बिक्री और वितरण में हेराफेरी की। इस दौरान सरकारी दुकानों के जरिए बेची गई शराब का एक बड़ा हिस्सा आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया, और आपूर्तिकर्ताओं से रिश्वत लेकर अवैध बिक्री को बढ़ावा दिया गया। ED का दावा है कि इस घोटाले से राज्य के खजाने को ₹2,161 करोड़ का नुकसान हुआ, और इसका लाभ शराब सिंडिकेट के सदस्यों को मिला।
इस मामले में ED ने पहले ही कई बड़े नामों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पूर्व मंत्री कवासी लखमा, रायपुर के मेयर ऐजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, पूर्व IAS अधिकारी अनिल तूतेजा और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी शामिल हैं। जनवरी 2024 में दर्ज एक नई FIR में 70 व्यक्तियों और कंपनियों को नामजद किया गया था, जिसमें पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड भी शामिल हैं।
ED की कार्रवाई का आधार
यह जांच आयकर विभाग की एक पुरानी रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें छत्तीसगढ़ के शराब व्यापार में अनियमितताओं का खुलासा हुआ था। ED ने इस मामले में अब तक ₹205 करोड़ की संपत्तियों को अटैच किया है और आगे भी छापेमारी, संपत्ति जब्ती और कानूनी कार्रवाई की संभावना जताई है।
ED ने यह भी आरोप लगाया कि शराब घोटाले से प्राप्त अवैध धन को रियल एस्टेट निवेश में लगाया गया। मार्च 2025 में चैतन्य बघेल को 15 मार्च को पूछताछ के लिए समन किया गया था, और अब उनकी गिरफ्तारी से इस मामले में जांच और तेज होने की उम्मीद है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी ने ED की कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है। बघेल ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर पोस्ट किया, “ED आ गई। आज विधानसभा सत्र का आखिरी दिन है। तमनार में अडानी के लिए पेड़ काटने का मुद्दा उठाया जाना था। भिलाई निवास पर ‘साहेब’ ने ED भेज दी।” उनका इशारा केंद्र की BJP सरकार की ओर था, जिसे वे इस कार्रवाई के पीछे मानते हैं। बघेल ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई पंजाब में उनकी कांग्रेस की गतिविधियों को रोकने की साजिश है, जहां वे पार्टी के महासचिव हैं।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, खासकर महत्वपूर्ण चुनावों से पहले।
पहले भी हो चुकी है जांच
यह पहली बार नहीं है जब बघेल परिवार ED के निशाने पर आया है। मार्च 2025 में भी चैतन्य के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी, और भूपेश बघेल को महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में CBI ने भी जांच के दायरे में लिया था। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2023 में ED की पहली ECIR को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि इसमें PMLA के तहत अपराध की परिभाषा पूरी नहीं होती। हालांकि, जनवरी 2024 में EOW/ACB द्वारा दर्ज नई FIR के आधार पर ED ने दूसरी ECIR दर्ज की, जिसके तहत यह कार्रवाई हो रही है।
आगे क्या?
ED की इस कार्रवाई से छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल मच गई है। Chaitanya Baghel की गिरफ्तारी और भूपेश बघेल के खिलाफ चल रही जांच से कांग्रेस और BJP के बीच तनातनी बढ़ने की संभावना है। ED ने संकेत दिए हैं कि इस मामले में और भी छापेमारी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, क्योंकि जांच अब मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े नेटवर्क की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।