Erol Musk India visit: अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए Elon Musk के पिता एरोल मस्क अगले महीने भारत दौरे पर आ रहे हैं। उनका यह दौरा 1 जून से 6 जून तक रहेगा, जिसमें वे देश के बिजनेस और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। एरोल मस्क हाल ही में भारतीय ईवी चार्जिंग कंपनी सर्वोटेक के ग्लोबल एडवाइजरी बोर्ड में शामिल हुए हैं, और इसी सिलसिले में भारत आ रहे हैं। उनकी यात्रा में अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर का भी दौरा शामिल है, जहां वे भगवान श्री रामलला से आशीर्वाद लेंगे। यह दौरा भारत की हरित प्रौद्योगिकी और ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में वैश्विक नेतृत्व के लिए रणनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। 5 जून को वे सर्वोटेक द्वारा आयोजित वृक्षारोपण अभियान में भी भाग लेंगे।
अयोध्या में होगा महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और व्यावसायिक दौरा
दुनिया के मशहूर उद्योगपति एलन मस्क के पिता Erol Musk जून महीने में भारत के दौरे पर आ रहे हैं। वे करीब 5 दिन तक भारत में रहेंगे, जिनमें एक दिन वे अयोध्या में रामलला के दर्शन भी करेंगे। यह दौरा उनके लिए व्यावसायिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास होगा। एरोल मस्क हाल ही में भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग कंपनी सर्वोटेक के ग्लोबल एडवाइजरी बोर्ड में शामिल हुए हैं। उनके इस दौरे का मकसद भारत की हरित तकनीकों और ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्व स्तर पर अग्रणी बनाना है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एरोल मस्क का भारत दौरा 1 जून से शुरू होकर 6 जून तक चलेगा। इस दौरान वे कई बिजनेस मीटिंग्स के साथ-साथ भारत की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ाव भी दिखाएंगे। वे अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर जाकर रामलला से आशीर्वाद लेंगे, जो उनके आध्यात्मिक जुड़ाव को दर्शाता है।
सर्वोटेक कंपनी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर स्थिरता और हरित पर्यावरण पर जोर देने के लिए वृक्षारोपण अभियान का आयोजन कर रही है, जिसमें एरोल मस्क भी शामिल होंगे। इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देना है।
Erol Musk की पर्सनल लाइफ भी चर्चा में रही है। उन्होंने दो बार शादी की है और उनके कई बच्चे हैं। एलन मस्क के साथ उनके संबंध उतने अच्छे नहीं माने जाते, जिसका एलन ने भी कई बार खुलकर उल्लेख किया है। उनकी सौतेली बेटी जना बेजुइडेनहॉट से भी उनके दो बच्चे हैं।
यह दौरा भारत और एरोल मस्क के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर भारत के हरित तकनीकी क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में। 6 जून को वे दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हो जाएंगे।