Shahjaahanpur: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में इंजीनियरिंग का एक छात्र बंजर भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है. आय बढ़ाने का मंत्र भी दे रहा है. चेन्नई सेइंजीनियरिंग कर लौटे छात्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के भाषण से प्रेरणा लेकरयूट्यूब पर ड्रैगन फ्रूट की खेती के फायदे और नुकसान के बारे में रिसर्च की. इसके बाद नौकरी न करके अपने गांव में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की शुरुआत की.
दरअसल, जिले के अल्लाहगंज थाना क्षेत्र स्थित चिलौआ गांव निवासी अंशुल मिश्रा चेन्नई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर लौटा है. इसी दौरान नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया. जिसको आत्मसात करते हुए इंजीनियरिंग के छात्र अंशुल ने अपनी मोटी तनख्वाह की नौकरी को छोड़ कर गांव में ही ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का फैसला लिया.
पढ़ाई पूरी कर गांव लौटा और किसानों की आय दोगुनी का निकाला हल
इंजीनियरिंग छात्र अंशुल ने बताया कि अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उसने यूट्यूब पर ड्रैगन की खेती करने के तरीके और फायदे सीखे. जिसके बाद पढ़ाई पूरी कर वह नौकरी न करके वापस अपने गांव लौट आया. यहां उसने अपनी बंजर भूमि पर ड्रैगन की खेती का सफल प्रयोग किया. अंशुल का कहना है कि ऐसा करके उसने किसानों की आय दोगुनी करने की राह भी ग्रामीणों को दिखाई है.
एक बार लागत लगाकर 35 सालों तक मुनाफा
अंशुल यह भी बताते हैं कि उसके द्वारा पैदा किया गया ड्रैगन फल ही इम्यूनिटी बूस्टर के साथ-साथ तमाम बीमारियों के लिए भी रामबाण है. ड्रैगन की खेती करने वाले इंजीनियर अंशुल मिश्रा का कहना है कि इस खेती में एक बार लागत लगाकर लगातार 35 सालों तक फसल को काटा जा सकता है. अंशुल ने यह भी बताया कि ड्रैगन की फसल की एक और खासियत है कि इसे साल में 7 बार काट कर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है. इसके साथ ही ड्रैगन की पौध तैयार कर उसे अन्य किसानों को सप्लाई कर मुनाफे में बढ़ोतरी की जा सकती है.
8 जिलों में छात्र के ड्रैगन फ्रूट का डंका
शाहजहांपुर जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले अंशुल मिश्रा ने बताया कि अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने सपने को साकार किया. अब ड्रैगन फ्रूट की खेती कर शाहजहांपुर के साथ-साथ फर्रुखाबाद, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बदायूं, हरदोई, लखनऊ अन्य जिलों में सप्लाई कर रहे हैं. साथ ही किसानों को पौध बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं. आपको बता दें कि यूपी में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले मात्र तीन किसान हैं. जिनमें शाहजहांपुर का यह इंजीनियरिंग का छात्र भी शामिल है.