Ghaziabad Viral: गाजियाबाद के घनी आबादी वाले खोड़ा क्षेत्र में नगर पालिका परिषद द्वारा मकानों पर एड्रेस नंबर प्लेट लगाने का अभियान निर्धारित समय पर पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। योजना के तहत 15 अगस्त तक 55 हजार मकानों पर एड्रेस प्लेट लगनी थी, लेकिन अब तक सिर्फ 30 हजार ही लग पाई हैं। इस देरी की बड़ी वजह स्थानीय लोगों का विरोध है। कई निवासी पुराने मकान नंबर बनाए रखना चाहते हैं, जबकि नगरपालिका ने नए सर्वे के आधार पर सभी को यूनीक नंबर देने का निर्णय लिया है। वॉर्ड और सेक्टर की गिनती को लेकर भी लोग असमंजस में हैं। प्रशासन का मानना है कि यह व्यवस्था डाक, आपातकालीन सेवाओं और सरकारी योजनाओं के सुचारू वितरण के लिए जरूरी है।
गाजियाबाद के खोड़ा इलाके में मकानों पर एड्रेस नंबर प्लेट लगाने का अभियान नगर पालिका परिषद की प्राथमिकता में है, लेकिन यह समयसीमा से पीछे चल रहा है। योजना के मुताबिक 15 अगस्त तक 55,000 मकानों पर प्लेटें लगनी थीं, मगर अब तक लगभग 60% काम ही हो पाया है। प्राइवेट एजेंसी का कहना है कि निवासियों की आपत्तियां इस देरी का बड़ा कारण हैं।
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स्थानीय Ghaziabad लोग चाहते हैं कि उनके पुराने नंबर ही बने रहें, जबकि नगरपालिका ने नया सर्वे और नक्शा तैयार कर हर मकान को नया, यूनिक नंबर देने की योजना बनाई है। वॉर्ड और सेक्टर की गिनती को लेकर भी लोगों में भ्रम है, जिसके चलते कई घरों पर टीम को विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
Ghaziabad नगर पालिका के जेई नवनीत गुप्ता के अनुसार, यह कदम केवल शहर की गणना को अपडेट करने के लिए नहीं है, बल्कि खोड़ा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में प्रशासनिक और नागरिक सेवाएं सटीक और समय पर पहुंचाने के लिए भी आवश्यक है। इस व्यवस्था से डाक सेवा, आपातकालीन सेवाएं और सरकारी योजनाएं बिना देरी और भ्रम के लोगों तक पहुंच सकेंगी।
नगरपालिका का दावा है कि स्वतंत्रता दिवस तक 75% काम पूरा कर लिया जाएगा, जबकि 100% लक्ष्य के लिए अगस्त अंत तक का समय रखा गया है। हालांकि, मौजूदा विरोध और धीमी गति को देखते हुए तय समयसीमा में यह कार्य पूरा होना चुनौतीपूर्ण दिख रहा है।