Ghazipur: दवेपुर गांव में शादी-ब्याह की तैयारियों पर एक अनोखा संकट छाया हुआ है। गांव के कुछ दबंगों द्वारा चकरोड की जमीन पर खेती करने के कारण, ग्रामीणों को अपने दरवाजे तक बारात लाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह मामला केवल एक रास्ते की कमी नहीं, बल्कि प्रशासनिक नाकामी और भूमि विवाद की गंभीरता को उजागर करता है।
बारात के लिए दरवाजे तक पहुंचने का रास्ता नहीं
हर मां-बाप का सपना होता है कि उनकी बेटी की बारात उनके दरवाजे पर आए, लेकिन जब गांव में दरवाजे तक पहुंचने के लिए रास्ता ही नहीं होगा, तो बारात कैसे पहुंचेगी। ऐसे में पहले तो किसी तरह से पगडंडियों के सहारे दूल्हे को बाइक पर बैठाकर द्वार पूजा लगाया जाता रहा है, या फिर खेतों के खाली होने का इंतजार किया जाता रहा है। लेकिन अब मजबूरी में लोगों को मैरिज हाल का सहारा लेना पड़ रहा है।
दबंगों की कब्जेदारी से प्रभावित ग्रामीण
यह पूरा मामला Ghazipur नंदगंज थाना क्षेत्र के दवेपुर गांव का है, जहां कुछ दबंग लोगों ने चकरोड की जमीन पर खेती कर लिया है। जिसके कारण लोगों के आने-जाने के लिए पगडंडियों का सहारा लेना पड़ता है। जब शिकायतकर्ता ने शिकायत की, तो लेखपाल ने 15 जुलाई को रिपोर्ट लगाई कि उक्त जमीन को खाली कर लिया गया है, जबकि मौजूदा समय में उस पर धान और गन्ने की फसल लहलहा रही है।
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
Ghazipur के ग्रामीण इलाकों में जमीन संबंधित विवाद आए दिन आते रहते हैं, जिसको लेकर शासन और प्रशासन के द्वारा सख्त निर्देश हैं कि तत्काल राजस्व की टीम को भेजकर उसका निस्तारण कराया जाए। लेकिन ऐसा कहीं कुछ होता नहीं दिख रहा है। नंदगंज थाना क्षेत्र के दवेपुर गांव के रहने वाले हवलदार यादव, जो सेना से रिटायर्ड हैं और गांव में निवास करते हैं, ने बताया कि गांव में उनके आने के लिए चकबंदी में करीब 2 मीटर चौड़ी रास्ता दिया गया, लेकिन उसे रास्ते पर पिछले कई सालों से गांव के ही कुछ दबंग लोग खेती कर रहे हैं।
लगातार शिकायतें और अनसुनी
हवलदार यादव ने कई बार Ghazipur जिला अधिकारी, एसडीएम सैदपुर और मुख्यमंत्री के शिकायत पोर्टल पर भी शिकायत की है। लेकिन स्थानीय लेखपाल रंजीत द्वारा 15 जुलाई 2024 को यह रिपोर्ट लगाई गई कि उक्त भूमि को खाली करा दिया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब 15 जुलाई को भूमि खाली कर दी गई है, तो मौजूदा समय में उस चिह्नित भूमि पर फसल कैसे लहलहा रही है, जो कहीं न कहीं यह साबित करती है कि लेखपाल और भूमाफियाओं में कुछ न कुछ कनेक्शन है।
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पगडंडियों की मजबूरी
रास्ता नहीं होने के कारण इन लोगों को पगडंडियों का सहारा लेकर आना-जाना पड़ता है। यहां तक कि जब गांव में उनकी बेटियों की शादी होती है, तब वह मजबूरी में उनके दरवाजे तक बारात नहीं आ पाती है। जिसके कारण अब वह मैरिज हाल की शरण लेना पड़ रहा है। गांव की एक महिला ने बताया कि उसकी शादी के 24 साल हो चुके हैं, लेकिन उसने अपने गांव का रास्ता नहीं देखा। मजबूरी में पगडंडियों के सहारे वह मुख्य सड़क तक आती और जाती है।
प्रशासन का आश्वासन
इस मामले पर Ghazipur सैदपुर एसडीएम रवीश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं थी। मीडिया की जानकारी देने पर उन्होंने लेखपाल से बात की है। उनके अनुसार, लेखपाल ने उस जमीन को चिन्हित कर लिया है और फसल कट जाने के बाद उस पर रास्ते बनाने की कवायद की जाएगी।