Ghazipur land dispute: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला को अपनी ही खरीदी गई जमीन के लिए न सिर्फ जद्दोजहद करनी पड़ी, बल्कि उस पर धर्म परिवर्तन या फिर 10 लाख रुपये देने का दबाव भी डाला गया। पीड़िता शीला देवी का आरोप है कि उन्होंने शांति देवी के साथ मिलकर जमीन खरीदी थी, लेकिन शांति ने रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली और जमीन पर मजार बनवा दी। जब शीला ने जमीन मांगी तो उन्हें मुस्लिम धर्म अपनाने या मुआवजा देने की शर्त रखी गई। पुलिस ने इस गंभीर प्रकरण में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह मामला धार्मिक और सामाजिक तौर पर भी चिंता का विषय बन गया है।
जमीन विवाद से उठा धर्म परिवर्तन का मुद्दा
Ghazipur जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के बकुलियापुर गांव में यह मामला सामने आया है। शीला देवी नाम की महिला, जो एक छोटी सी दुकान चला कर अपने बच्चों का पालन-पोषण करती हैं, ने बताया कि कुछ साल पहले उनकी तबीयत खराब होने पर शांति देवी नामक महिला से उनकी मुलाकात हुई। शांति ने झाड़-फूंक का दावा कर उनका विश्वास जीता और फिर दोनों में नजदीकियां बढ़ गईं। बाद में दोनों ने मिलकर एक जमीन खरीदी, लेकिन शीला के मुताबिक शांति ने चालाकी से रजिस्ट्री केवल अपने नाम करवा ली और कागजात भी अपने पास रख लिए।
मजार बनवाकर बढ़ाया तनाव, दी धर्म परिवर्तन की शर्त
शीला देवी ने जब अपने हिस्से की जमीन मांगी तो उन्हें न केवल नजरअंदाज किया गया, बल्कि जमीन पर मजार बनवा दी गई। शीला को सिर्फ पीछे टिन शेड में रहने की इजाजत दी गई। जब उन्होंने विरोध किया तो शांति और उसके पति सुरेंद्र राम ने 25 लाख रुपये की मांग रखी। बाद में यह रकम घटाकर 10 लाख कर दी गई, लेकिन इसके साथ यह शर्त भी जोड़ दी गई कि अगर शीला मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लें और मजार के पास दुकान चलाएं, तो जमीन मिल सकती है।
धमकी और झूठे मुकदमे का डर, प्रशासन से लगाई गुहार
शीला देवी के मुताबिक शांति और उसके पति ने उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। डर और मानसिक प्रताड़ना के कारण शीला ने उप जिलाधिकारी (SDM) सदर से शिकायत की। Ghazipur SDM के निर्देश पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शांति देवी और सुरेंद्र राम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। फिलहाल कोतवाली पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
सामाजिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल
इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को चौंका दिया है, बल्कि सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा तेज कर दी है। धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मामला होने के कारण Ghazipur प्रशासन भी सतर्क हो गया है। फिलहाल पुलिस जांच की बात कह रही है, लेकिन शीला देवी अब भी न्याय की आस लगाए बैठी हैं।