Gorakhpur News: गोरखपुर के खजनी क्षेत्र स्थित बेलूडीहां गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापिका प्रिया सिंह की लापरवाही आखिरकार प्रशासन के सामने आ गई। लंबे समय से यह शिकायत मिल रही थी कि वह बच्चों को पढ़ाए बिना ही वेतन ले रही हैं, लेकिन बुधवार को हुए औचक निरीक्षण ने पूरे मामले की सच्चाई उजागर कर दी। एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह, तहसीलदार ध्रुवेश सिंह और ब्लॉक के एडीओ पंचायत की टीम अचानक स्कूल पहुंची और वहां की स्थिति देखकर हैरान रह गई।
जांच के दौरान छात्र-छात्राओं ने बताया कि प्रिया सिंह अक्सर स्कूल नहीं आतीं। कई बच्चों ने साफ कहा कि टीचर जी कभी पंद्रह दिनों में दिखाई देती हैं, तो कभी पूरा महीना बीत जाता है और वह केवल एक बार स्कूल पहुंचती हैं। वह आती भी हैं तो रजिस्टर पर हस्ताक्षर करके तुरंत चली जाती हैं। इस जानकारी के बाद एडीओ पंचायत राजीव दूबे ने मौके पर ही उपस्थिति रजिस्टर मंगवाया और शिक्षिका को उसी समय अनुपस्थित चिह्नित कर दिया। यही नहीं, उनकी ऑनलाइन उपस्थिति भी अनुपस्थित दर्शाते हुए दर्ज की गई।
प्रधानाध्यापिका अन्नपूर्णा शर्मा ने भी स्वीकार किया कि प्रिया सिंह लखनऊ में रहती हैं और महीने में सिर्फ एक बार ही विद्यालय आती हैं। इससे साफ हो गया कि शिक्षण व्यवस्था लंबे समय से प्रभावित हो रही थी। ग्रामीणों की शिकायत बढ़ने और बच्चों की संख्या कम होने पर ग्राम प्रधान प्रियंका सिंह ने बीएसए संगीता सिंह को पत्र भेजकर तुरंत विभागीय कार्रवाई की मांग की है। ग्राम प्रधान के अनुसार, शिक्षिका की लगातार गैरहाजिरी के कारण बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ा है और कई अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से हिचक रहे हैं।
इसी दौरान एसडीएम गांव में मतदाता सूची के एसआईआर अभियान की प्रगति की समीक्षा भी कर रहे थे। उन्हें बताया गया कि गांव के 840 मतदाताओं में से केवल 147 का ही एसआईआर अपडेट हुआ है। इस पर उन्होंने ग्राम प्रधान और बीएलओ उमेश कुमार को निर्देश दिया कि दो दिनों के भीतर बाकी 693 रिकॉर्ड अपडेट कर दिए जाएं।
निरीक्षण के समय कानूनगो, लेखपाल सतीश, राजस्व निरीक्षक महेंद्र सिंह, पंचायत अधिकारी रामपाल, पंचायत सहायक कंचन और क्षेत्र पंचायत सदस्य अखिलेश पांडेय सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संगीता सिंह ने स्पष्ट कहा है कि पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रिया सिंह के खिलाफ कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन की इस कार्रवाई से अन्य शिक्षकों में भी सख्ती का संदेश गया है। ग्रामीणों और अभिभावकों को उम्मीद है कि अब विद्यालय में नियमित रूप से पढ़ाई चलेगी और बच्चों की पढ़ाई फिर से पटरी पर लौटेगी।



