Bareilly Religious harmony: इस बार होली और जुमा एक ही दिन पड़ने के कारण प्रशासन और धार्मिक संगठनों ने संयम और भाईचारे का संदेश देने की पहल की है। बरेली समेत आसपास के जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दरगाह आला हजरत और देवबंद से जुड़े जमीयत उलमा ए हिन्द ने मिश्रित आबादी वाले इलाकों में जुमे की नमाज होली के रंग समाप्त होने के बाद दोपहर ढाई बजे करने का ऐलान किया है। अति संवेदनशील जिलों की सूची में शुमार बरेली में पुलिस ने 26 हजार से अधिक लोगों को मुचलकों में पाबंद किया है। रंगों के त्यौहार को सौहार्द और शांति के साथ मनाने के लिए पुलिस, प्रशासन और दोनों समुदायों के धार्मिक संगठनों ने एकजुट होकर शांति का संदेश दिया है।
दरगाह आला हजरत ने दी विशेष हिदायत
दरगाह आला हजरत, जो सूफी बरेलवी विचारधारा का सबसे बड़ा केंद्र है, ने जुमे की नमाज को लेकर विशेष एडवाइजरी जारी की है। Bareilly दरगाह के प्रमुख सुब्हानी मियां ने कहा कि नफरतों को कम करने वाले ही असली देशभक्त हैं। उन्होंने आपसी सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देने का आह्वान किया है। दरगाह से जारी बयान में कहा गया है कि जुमे के दिन विशेष सतर्कता बरती जाए और रंग खेलने वाले रास्तों से दूर रहकर सफाई और पाकी का ख्याल रखा जाए।
उन्होंने खासतौर से मिश्रित आबादी वाले इलाकों में ढाई बजे नमाज अदा करने का सुझाव दिया है ताकि होली के जुलूस और रंग खेलने के बाद ही नमाज हो सके। यह निर्णय सौहार्द और शांति बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
जमीयत उलमा ए हिन्द ने भी किया समर्थन
देवबंद से जुड़े जमीयत उलमा ए हिन्द ने भी Bareilly में होली के दिन जुमे की नमाज का समय ढाई बजे करने की अपील की है। संगठन ने कहा कि हिंदू भाइयों के त्यौहार में कोई खलल न पड़े और नमाजियों को आने-जाने में कोई परेशानी न हो, इसलिए नमाज का समय बदलने का निर्णय लिया गया है।
प्रशासन ने कसी कमर
Bareilly प्रशासन ने होली के मद्देनजर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। पुलिस ने एंटी दंगा रिहर्सल पूरा कर लिया है और संवेदनशील इलाकों की निगरानी के लिए ड्रोन तैनात कर दिए हैं। लगभग 26 हजार खुराफाती तत्वों को पहले ही पाबंद किया गया है। पुलिस होली जुलूस के रूट पर छतों से निगरानी करेगी।
एसएसपी बरेली अनुराग आर्यां ने कहा कि होली के अवसर पर जिले में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं। पीस कमेटियों के साथ बैठक कर त्योहार को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने की योजना बनाई गई है। होलिका दहन के स्थानों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी समितियां गठित की गई हैं।
शांति और भाईचारे का संदेश
होली और जुमा के एक ही दिन होने के चलते समुदायों के बीच आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक संगठनों और प्रशासन ने जो कदम उठाए हैं, वे काबिल-ए-तारीफ हैं। दोनों समुदायों का एक साथ आकर शांति का संदेश देना समाज में भाईचारे और एकता को मजबूत करने का प्रतीक है।