IAS land grab: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) के एमएलसी उदयवीर सिंह पर एक गंभीर आरोप लगा है। परिवहन आयुक्त और वरिष्ठ आईएएस बृजेश नारायण सिंह ने एमएलसी उदयवीर सिंह, उनके सहयोगी अविनाश सिंह सीकू और एक अन्य व्यक्ति शक्ति पर उनकी पत्नी मीनल सिंह की जमीन कब्जाने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। परिवहन आयुक्त का आरोप है कि उदयवीर सिंह ने एलडीए कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर उनकी पत्नी के नाम दर्ज प्लॉट के फर्जी दस्तावेज बनवाए और फिर उसे बेचा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
IAS अफसर ने 1997 में खरीदी थी जमीन
परिवहन आयुक्तIAS बृजेश नारायण सिंह के मुताबिक, उन्होंने 1997 में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) से विनीत खंड, गोमती नगर में प्लॉट नंबर 5/145 अपनी पत्नी मीनल सिंह के नाम खरीदा था। उनकी पत्नी की लगातार दिल्ली-एनसीआर में पोस्टिंग के चलते वह इस जमीन पर निर्माण नहीं करा सकीं। इसी दौरान, एमएलसी उदयवीर सिंह और उनके सहयोगियों ने इस प्लॉट पर कब्जा कर लिया और इसे बेच दिया।
आरोप है कि उदयवीर सिंह के संरक्षण में लखनऊ में एक बड़ा भूमाफिया गिरोह काम कर रहा है, जो सरकारी अधिकारियों और आम लोगों की जमीनों पर कब्जा करता है। परिवहन आयुक्त के अनुसार, एलडीए कर्मचारियों ने भी इस साजिश में अहम भूमिका निभाई और फर्जी दस्तावेज तैयार कर दिए।
पुलिस ने 12 फरवरी को दर्ज किया मामला
परिवहन आयुक्त IAS की शिकायत पर पुलिस ने 12 फरवरी को ही मामला दर्ज कर लिया था, लेकिन इसका खुलासा मंगलवार को किया गया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धोखाधड़ी, अतिक्रमण और जालसाजी से जुड़ी कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इनमें धारा 318(4), 338, 336(3), 61(2), 329(3), 342(2) और 340(2) शामिल हैं।
बृजेश नारायण सिंह और उनकी पत्नी ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। उनका कहना है कि इस मामले में शामिल लोगों से उन्हें जान का खतरा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की भूमिका की विस्तृत पड़ताल की जा रही है।
सपा एमएलसी की भूमिका पर सवाल
इस मामले के बाद सपा एमएलसी उदयवीर सिंह की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दलों ने सपा पर भूमाफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। पुलिस का कहना है कि मामले में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।