Increasement in Road Accident: इस साल सड़क हादसों की संख्या पिछले साल के मुकाबले अधिक रही है, और इसके पीछे एक मुख्य कारण ट्रैफिक नियमों का पालन न करना बताया जा रहा है। लखीमपुर खीरी, जो उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख जिले के रूप में उभरकर सामने आया है, वहां हादसों की संख्या में 57% की वृद्धि देखी गई है। वहीं, लखनऊ में पिछले साल के मुकाबले 122 हादसों का इजाफा हुआ है। इसके बाद, आगरा तीसरे स्थान पर है, जहां 115 सड़क हादसों की घटनाएं सामने आईं। इन हादसों के कारण सड़क पर असावधानी और तेज गति से वाहन चलाने जैसे कारण प्रमुख रूप से जिम्मेदार बताए जा रहे हैं।
प्रमुख शहरों में बढ़ी सड़क दुर्घटनाएं
लखनऊ, जो उत्तर प्रदेश का प्रमुख शहर है, में इस साल जनवरी से सितंबर तक कुल 1,207 सड़क हादसों की घटनाएं हुईं। जबकि पिछले साल यह संख्या 1,085 थी। इस साल हादसों में मृतकों की संख्या पिछले साल 418 से बढ़कर 421 हो गई है, और घायलों की संख्या भी 738 से बढ़कर 852 हो गई है। राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी स्थिति कुछ वैसी ही रही है, जहां परिवहन विभाग ने इस साल 189 अतिरिक्त हादसों की रिपोर्ट की है।
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यूपी में हादसों की बढ़ती संख्या
जनवरी से सितंबर 2024 तक उत्तर प्रदेश में कुल 32,873 सड़क हादसे (Increasement in Road Accident) दर्ज किए गए हैं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 32,684 था। हालांकि, इस साल कुल मौतों की संख्या में कुछ कमी आई है। पिछले साल जहां 17,403 लोग सड़क हादसों में जान गंवा चुके थे, वहीं इस साल यह संख्या घटकर 17,162 हो गई है।
अन्य जिलों में हादसों की स्थिति
कुछ जिलों में हादसों में कमी आई है, जैसे वाराणसी, बरेली, गोरखपुर, अलीगढ़, और कुशीनगर, जहां सड़क हादसों की संख्या में गिरावट देखी गई है। वहीं, अमेठी, गोंडा, उन्नाव, बाराबंकी, सुल्तानपुर और श्रावस्ती जैसे जिलों में हादसों में इजाफा हुआ है।
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों का यह आंकड़ा दर्शाता है कि सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है। सड़क पर यातायात बढ़ने के साथ-साथ, ट्रैफिक नियमों का पालन करना और सड़क सुरक्षा जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है।