Jalaun PET exam Fraud: उत्तर प्रदेश में रविवार को आयोजित PET (प्रारंभिक पात्रता परीक्षा) के दौरान जालौन जिले में प्रशासनिक सतर्कता की वजह से एक बड़ा फर्जीवाड़ा बेनकाब हुआ। बायोमेट्रिक जांच के दौरान दो ऐसे अभ्यर्थी रंगे हाथों पकड़े गए, जो किसी और की जगह परीक्षा देने आए थे। पकड़े गए युवकों में से एक बिहार का रहने वाला है, जबकि दूसरा प्रयागराज का निवासी है। प्रशासन ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। खास बात यह है कि बिहार के रहने वाले अजीत कुमार की पहचान पुराने धोखेबाज के रूप में हुई है, जिसने इससे पहले भी जाली दस्तावेजों के आधार पर कई सरकारी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा किया था।
बायोमेट्रिक जांच में खुला फर्जीवाड़ा
Jalaun जिले में रविवार को हुई PET परीक्षा के दौरान बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में यह खुलासा हुआ कि दो अभ्यर्थियों के दस्तावेज संदिग्ध हैं। परीक्षा नियामक आयोग की ओर से पहले ही कुछ प्रवेश पत्रों की सत्यापन प्रक्रिया पर संदेह जताया गया था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी थी। प्रशासनिक टीमों ने जिले के अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर अचानक छापेमारी की और संदिग्ध अभ्यर्थियों को पकड़ लिया।
दो अलग-अलग केंद्रों से हुई गिरफ्तारी
Jalaun प्रशासन और Jalaun पुलिस की संयुक्त टीम ने शहर के दो अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर छापा मारा। अजीत कुमार को जालौन नगर के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज से गिरफ्तार किया गया, जबकि मनोज कुमार को उरई नगर के एल्ड्रिच पब्लिक स्कूल परीक्षा केंद्र से पकड़ा गया। जांच में सामने आया कि अजीत कुमार ने सितंबर 2023 में आयोजित ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा भी ‘आनंद कुमार’ के नाम से दी थी। यह उसका पहला फर्जीवाड़ा नहीं है।
नेटवर्क की जांच में जुटा प्रशासन
दोनों आरोपियों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस उनके नेटवर्क, जाली दस्तावेज तैयार करने वालों और अन्य सहयोगियों का पता लगाने में जुटी है। जालौन के DM राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि आयोग से मिले अलर्ट के आधार पर विशेष निगरानी की गई थी। फर्जी अभ्यर्थियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और कानूनी कार्रवाई तेज़ कर दी गई है।