लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद के डीएम डॉ दिनेश चंद्र सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया में गर्दा उड़ा रहा है। ‘डीएम साहब’ सूट, बूट, टोपी और काले चश्मे के साथ पहुंचते हैं। किसान से हंसिया मांगते हैं और फिर खेत में खड़ी बेरहम घास को दनादन काटने लगते हैं। इस दौरान उनके साथ मौके पर मौजूद कर्मचारी घासकांड का वीडियो मोबाइल से शूट करते हुए दिखाई पड़े। किसानों ने डीएम की पिक्चर को कैमरे में कैद की और फिर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दी।
जौनपुर के डीएम डॉ दिनेश चंद्र सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें वह अलग अंदाज में दिख रहे हैं। डीएम का ये वीडियो बक्सा विकासखंड के बशारतपुर गांव का है। यहां वह गोशाला का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान डीएम गोआश्रय स्थल में बोए गए नेपियर घास की कटाई के लिए किसान बन गए। कैमरे के सामने सूट, बूट, टोपी और काला चश्मा के साथ डीएम ने अपने हाथों से घास को काटा। इस मौके पर उन्होंने किसानों को नेपियर घास की खूबियां बताते हुए उसके लिए प्रोत्साहित भी किया।
डीएम ने किसानों के साथ चर्चा की फिर गायों को गुड़ भी खिलाया। डीएम का ये सूट-बूट में घास काटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। यूजर्स डीएम के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफार्म में लिख रहे हैं। डीएम के इस अंदाज को देखकर लोगों का कहना है कि अधिकारियों को भी आजकल रियल वर्क करने से ज्यादा कैमरे के समाने रील्स शूट कराने का चस्का लग गया है। यही वजह है कि डीएम साहब ने घास का खात्मा ऑन कैमरे के सामने किया। एक यूजर्स ने लिखा कि डीएम साहब को बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जाकर जरूर पीड़ितों के साथ वीडियो बनानी चाहिए। जिससे कि जिले का सच सरकार तक पहुंचे।
बता दें कि जौनपुर के डीएम डॉ दिनेश चंद्र सिंह अपने अलग अंदाज और बेतुके बयान को लेकर इन दिनों चर्चा में हैं। डीएम बिना सड़क बनाए ही 26 लाख 58 हजार के घोटाले के मामले में उन्होंने एक विवादित बयान देते हुए यह कह डाला कि पीडब्ल्यूडी लाखों करोड़ों में काम करती है। ऐसे में 25 से 30 लाख के घोटाले का मामला बहुत ही छोटा है। ऐसी छोटी सी चूक के लिए सरकार और जिले की छवि खराब नहीं करनी चाहिए। इतना ही नहीं डीएम साहब के सतरंगी रील्स आपको सोशल मीडिया प्लेटफार्म में मिल जाएंगे।
सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं, जौनपुर के डीएम खेत में जाकर किसान बनकर कभी घास काटने लगते हैं, तो कभी नेताओं जैसी बयानबाजी करके सरकार की छवि धूमिल न करने की सलाह देकर घोटाले की नई परिभाषा बता देते हैं। हालांकि, कैमरे के सामने अलग अंदाज में शूटिंग कराने वाले डीएम साहब जौनपुर की जनसमस्याओं को लेकर अगर इतने चिंतित होते तो शायद जनता को अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए इतनी जद्दोजहद न करनी पड़ती। फिलहाल सोशल मीडिया पर यूजर्स उन्हें खूब ट्रोल कर रहे हैं।