Jhansi Medical College Case: झांसी अग्निकांड में शाम 5 बजे ही दिख था खतरा, शॉर्ट सर्किट को किया गया नजरअंदाज

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, शिशु वार्ड में शुक्रवार शाम करीब 5 बजे पहली बार शॉर्ट सर्किट हुआ था, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

Jhansi Medical College Case

Jhansi Medical College Case: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। सूत्रों के अनुसार शिशु वार्ड में शुक्रवार शाम करीब 5 बजे पहली बार शॉर्ट (Jhansi Medical College Case) सर्किट हुआ था लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

इस लापरवाही के कारण रात 10:45 बजे दूसरी बार शॉर्ट सर्किट हुआ जिसके बाद एनआईसीयू वार्ड में भीषण आग लग गई। अगर प्रशासन शाम को ही सतर्क होकर बच्चों को वहां से हटा लेता तो शायद इस दर्दनाक हादसे (Jhansi Medical College Case) को टाला जा सकता था।

शुक्रवार रात करीब 10:20 बजे लगी इस आग में एनआईसीयू में भर्ती 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई जबकि खिड़कियों के शीशे तोड़कर 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। वर्तमान में बचाए गए बच्चों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

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ब्रजेश पाठक ने कहा तीन स्तरों पर होगी जांच

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और मीडिया को बताया कि त्रासदी की तीन स्तरों पर जांच कराई जाएगी..स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, और जिला प्रशासन द्वारा। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट जांच भी सुनिश्चित की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

डिप्टी सीएम ने कहा कि हादसे के कारणों और जिम्मेदारों का पता लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि फायर सेफ्टी ऑडिट और मॉक ड्रिल पहले ही की जा चुकी थी। वर्तमान में 17 बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं जबकि हादसे में जान गंवाने वाले 10 बच्चों में से 7 की पहचान हो चुकी है। बाकी तीन बच्चों की शिनाख्त के लिए परिजनों से संपर्क किया जा रहा है।

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