कानपुर ऑनलाइन डेस्क। होली पर्व पर परंपरागत व्यंजन हमारी पहचान है। जब बात व्यंजन की होती है, तो दूध का उपयोग स्वाभाविक है। यानी मांग बढ़ जाती है। ऐसे में मिलावट खोर गैंग सक्रिय हो जाते हैं और कैमिकल के जरिए खोया के अलावा अन्य दूसरी समाग्री तैयार कर बाजारों में बिक्री करते हुए लाखों की कमाई करते हैं। ऐसे में कानपुर के डीएम जीतेंद्र प्रसाद सिंह ने खाद्य सुरक्षा विभाग को मिलावटखोरों के खिलाफ ऑपरेशन लांच किए जाने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद शनिवार को खाद्य सुरक्षा विभाग ने कड़ी कार्रवाई की। रेलवे स्टेशन किनारे लखनऊ गेट, हरवंश मोहाल की तरफ जांच की गई तो तीन ई-रिक्शों में लदा जा रहा खोया पकड़ा। साथ ही रंगीन कचरी को भी सीज किया।
ई-रिक्शा में लदा जा रहा खोया को पकड़ा
डीएम जीतेंद्र प्रसाद सिंह के आदेश पर खाद्य सुरक्षा विभाग की 6 टीम कानपुर में लगातार मिलावटखोरों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए हुए हैं। शनिवार को विभाग की टीम ने ने हरवंश मोहाल में ई-रिक्शा में लदा जा रहा खोया को पकड़ा। ड्राइवर से पूछताछ की तो ज्यादा कुछ बता नहीं पाया। सिर्फ दो व्यापारियों का नाम बता पाए जिन्हें मौके बुलाया पर कोई आया नहीं। जांच में पता चला कि करीब 1420 किलो खोया है। मौके पर खोवा की दावेदारी करने कोई नहीं पहुंचा तो टीम ने मुरे कंपनी पुल के नीचे पूरा खोया नष्ट कराया। साथ ही रंगीन कचरी को आग के हवाले किया गया।
600 किलो रंगीन कचरी पकड़ी
खाद्य विभाग की टीम ने नेउरी कॉलोनी स्थित एसएसजी इंटरप्राइजेज निर्माण स्थल से खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय मौर्य ने रंगीन कचरी की जांच की। रंग की अधिकता मात्रा होने पर एक नमूना लेकर जांच को लैब भेज दिया। टीम ने 1600 किलो रंगीन कचरी पकड़ी। जिसकी कीमत 112000 रुपये है। कारोबारी रंगील कचरी से पापड़ बनाते थे। नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है।साथ ही बर्रा 8 से रणविजय सेंगर के यहां से खोया का खाद्य सुरक्षा अधिकारी नागेश चौधरी द्वारा, विवेकानंद यादव गोविंद नगर खोया मंडी से संजय वर्मा द्वारा खोया का एक नमूना, तथा गोविंद नगर से अजय गुप्ता के यहां से खोया का एक नमूना लिया गया।
सोडा और डिटर्जेंट भी मिलाया जाता है
दूध में यूरिया, सोडा, डिटर्जेंट और पानी की मिलावट कम दूध को ज्यादा बनाने के लिए उसमें पानी की मिलावट तो होती ही है। साथ ही इसे खराब होने से बचाने के लिए इसमें सोडा और डिटर्जेंट भी मिलाया जाता है। यहां तक प्रोटीन की मात्रा का फेक डिटेक्शन देने के लिए दूध में यूरिया मिलाकर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जाता है। दूध, खोए, पनीर में स्टार्च की मिलावट पता करने का तरीका दूध में जब पानी मिलाया जाता है तो यह पतला हो जाता है। मिलावटखोर पतले दूध को गाढ़ा बनाने के लिए इसमें आरारोट व मैदा जैसे स्टार्च मिलते हैं। यही मिलावट खोए और पनीर वगैरह की मात्रा बढ़ाने के लिए भी की जाती है।
880 किग्रा रंगीन पापड़ पकड़ा
खाद्य सुरक्षा अधिकारी डीपी सिंह ने बताया कि तीन दिन पहले 880 किग्रा रंगीन पापड़ पकड़ा। खाने योग्य न पाए जाने पर टीम ने 61600 रुपये कीमत का पापड़ सीज कर दिया। गोदाम से ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय मौर्य ने 1500 किग्रा कचरी सीज की। इसमें भी रंग की अधिकता पाई गई। सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय ने बताया कि पापड़ और कचरी के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।
6 टीमों का गठन किया गया
खाद्य सहायक आयुक्त 2, संजय प्रताप सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा 6 टीमों का गठन किया गया है, जो मिलावटी खोया बेचने वालों पर शिकंजा कसेंगी। पूरे जनपद में मिलावटखोरों के खिलाफ विभाग की तरफ से कार्रवाई जारी है। लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। सैंपल जाने के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।