कानपुर में एक दरोगा नशे में धुत होकर ड्यूटी पर आता है। यही नहीं इसके बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी कर देता है। जिसके बाद दरोगा नागेंद्र यादव के खिलाफ अनुशासनहीनता के तहत कार्रवाई को जबरन रिटायर कर दिया गया है। साथ ही तीन माह का समय वेतन और अन्य भत्तों के सेटलमेंट के लिए दिया गया है।
आपको बता दें सीएम योगी ने आदेश जारी किया था कि 50 साल से अधिक की उम्र वाले अनुशासनहीन पुलिसकर्मियों की सूची बनाकर उन्हें रिटायर कर दिया जाए।
दरोगा के ट्रैक रिकॉर्ड में भी खामियां

सूची तैयार होने के साथ ही उसपर कार्रवाई भी शुरू हो गई है। दरअसल कानपुर कोतवाली में तैनात दरोगा नागेंद्र यादव के ऊपर भी इसी आदेश के तहत गाज गिरी। रिटायर किए गए दरोगा के ट्रैक रिकॉर्ड में भी खामियां मिली हैं।
दरोगा अफसरों के सीयूजी नंबर पर फोन मिलाकर उसने अभद्र भाषा में बात करता था। इसके अलावा शराब पीकर ड्यूटी पर आता था। उनकी मेडिकल परीक्षण में अल्कोहल की पुष्टि भी हो चुकी है।
सभी बिंदुओं पर तैयार रिपोर्ट कमेटी ने एडिश्नल सीपी हेडक्वार्टर आनंद कुलकर्णी को सौंपी थी। एडिश्नल सीपी हेडक्वाटर्स ने नागेंद्र को रिटायर करने के निर्देश दिए हैं। उनके मुताबिक दरोगा तत्काल रिटायर माना जाएगा और उसके पास वेतन और फंड्स के सेटलमेंट के लिए तीन माह का समय होगा।

एक सिपाही और दो फॉलोअर को जबरन रिटायर किया
वहीं एडिश्नल सीपी हेडक्वाटर्स आनंद कुलकर्णी ने बताया कि यह पिछले साल का मामला है। उस समय यह एक मात्र दरोगा चिह्नित हुआ था। इसके अलावा एक सिपाही और दो फॉलोअर को जबरन रिटायर किया गया है।
उनकी भी मिसकंडक्ट की ही ज्यादा शिकायतें थीं और 3-3 बार सभी की रोलबुक में बैड इंट्री दर्ज की गई थी। इस साल सूची पर काम चल रहा है। जो नाम कमेटी के सामने आए हैं उन पर कार्रवाई की जा रही है। उनमें जो सही केस पाए जाएंगे उन्हें जबरन रिटायर कर दिया जाएगा।
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