Chandan Gupta murder case: कासगंज के चर्चित चंदन गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपी सलीम शेख की मंगलवार देर रात लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में इलाज के दौरान मौत हो गई। सलीम लंबे समय से बीमार था और डायलिसिस पर था। उसे कुछ समय पहले कासगंज जेल से इलाज के लिए लखनऊ जेल शिफ्ट किया गया था। इस घटना के बाद पीड़ित परिवार ने कहा कि “जीवन देना और लेना भगवान के हाथ में है”। वहीं Chandan Gupta के भाई विवेक गुप्ता ने आरोप लगाया कि गोली सलीम ने ही चलाई थी। अब मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रहा है, जबकि परिवार ने हाईकोर्ट से जमानत पाए आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया है।
लखनऊ के KGMU में इलाज के दौरान मौत
कासगंज Chandan Gupta हत्याकांड के मुख्य आरोपी सलीम शेख को लंबे समय से किडनी की गंभीर समस्या थी और वह लगातार डायलिसिस पर था। उसे कासगंज जेल से लखनऊ जेल और बाद में KGMU में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। मंगलवार देर रात उसकी हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। सलीम की मौत की खबर फैलते ही चंदन गुप्ता का परिवार भावुक हो गया। चंदन के भाई विवेक गुप्ता ने कहा कि “सलीम ने ही मेरे भाई की जान ली थी, लेकिन अब जो हुआ, वही भगवान की इच्छा थी।”
2018 का चर्चित हत्याकांड
26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। इस दौरान पथराव और फायरिंग की घटनाएं हुईं। इसी दौरान Chandan Gupta को गोली लग गई थी। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में NIA कोर्ट ने मुख्य आरोपी सलीम शेख समेत वसीम और नसीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
28 आरोपी, सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई
इस हत्याकांड में कुल 28 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से कई को बाद में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। चंदन के पिता ने इस मामले में 6 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है। अब मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में विचाराधीन है। विवेक गुप्ता ने कहा कि वे हाई कोर्ट से जमानत पाए चार आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
हिंदू महासभा का बयान
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने सलीम शेख की मौत पर कहा, “भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं। चंदन गुप्ता के आरोपी की मौत होना एक अच्छी खबर है।” उन्होंने तंज कसा कि यूपी की जेलों में ऐसी सुविधाएं हैं कि “आरोपी 5 से 10 किलो वजन बढ़ाकर बाहर निकलते हैं।” उन्होंने मांग की कि “ऐसे आरोपियों को जमानत नहीं मिलनी चाहिए और सरकार को इस मामले में मजबूत पैरवी करनी चाहिए।”