विश्व महिला दिवस: घटनाएं दे रही गवाही.. कासगंज मे महफूज नहीं ‘महिलाएं’

Happy Women's Day: आज 8 मार्च 2025 को विश्व महिला दिवस जोर शोर से मनाया जा रहा है लेकिन जब तक महिलाएं सुरक्षित नहीं होगी तब तक इस दिवस की सार्थकता सिद्ध नही हो सकती है।

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Kasganj News: आज 8 मार्च 2025 को विश्व महिला दिवस जोर शोर से मनाया जा रहा है लेकिन जब तक महिलाएं सुरक्षित नहीं होगी तब तक इस दिवस की सार्थकता सिद्ध नही हो सकती है। वैसे जनपद की कमान महिला अधिकारियो के हवाले है। शासन द्वारा जनपद की कमान संभालने को जिलाधिकारी मेधा रुपम व पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा को तैनात कर रखा है। वही जनपद के सहावर व कासगंज में भी क्षेत्राधिकारी व उपजिलाधिकारी के रूप मे महिला अधिकारी ही तैनात है। ऐसे मे देखा जाए तो लगभग तीन चौथाई जनपद की कमान महिलाओं के हाथ मे है। लेकिन यहाँ कुछ महीनों से महिलाओ, बेटिया पर अत्याचार अधिक देखने को मिल रहे है।

हैवानियत की सारी हदें लांघी जा रही हैं। विगत कुछ दिनों पूर्व तहसील पटियाली के कोतवाली सिकंदरपुर वैश्य के एक मार्च को नगला हंसी मे दलित किशोरी की हत्या व उसकी बहन को अगवा एवं गंजडुंडवारा में 6 वर्षीय अबोध बालिका से दुष्कर्म की घटनाएं इसकी बानगी है। यहाँ महिलाओं (Kasganj News) की अस्मिता का जनाजा निकाला जा रहा है।

मंहिलाएं असुरक्षित हैं। दुशासन महिलाओं की इज्जत नीलाम कर रहे हैं। यहाँ धीरे धीरे महिलाओं पर जुल्मों की सूची लंबी होती जा रही है। क्यों कि वर्ष 2024 के 3 सितम्बर को हुए अधिवक्ता मोहिनी सिंह की निर्मम हत्या को भी भूलाना असंभव है। जब छोटे से जनपद का हाल यह है तो अदांजा लगाया जा सकता है। तो जिले में महिलाएं अपने को कैसे सुरक्षित समझती होगी।

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आज महिला दिवस पर कई आयोजन होगे। संकल्प लिया जाएगा कि महिलाओं को अत्याचारों से मुक्ति दिलाई जाएगी। अत्याचारों का खात्मा किया जाएगा। सुरक्षा के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाएगे। लेकिन जनपद मे हुई ये घटनाए बेहद ही खौफनाक तस्वीरें प्रस्तुत कर रही हैं। लगातार हुई घटनाओं (Kasganj News) से सुरक्षा के दावों की पोल खुल गई है।

वैसे महिला दिवस पर गोष्ठीयां करना महिला कानून के हक की बात करना बुरा तो नही है। लेकिन प्रशासन को इस घटनाओं से सबक ले महिला सम्बंधित अपराधों पर अंकुश लगाए जाने एवं कानून व्यवस्था को मजबूत बना सम्बंधित मामलो के दोषियो को शीघ्र सख्त सजा दिला उदाहरण पेश किए जाने की आवश्यकता है। जिससे महिलाओ से असुरक्षा का भाव दूर होने मे मदद मिले और वह खुद को सुरक्षित महसूस कर सके।

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