Kukrail Forest Tourism Development:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर स्थित कुकरैल वन क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को तेजी से विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यहां न केवल कुकरैल नाइट सफारी का निर्माण हो रहा है, बल्कि इसके आसपास पर्यटकों के लिए कई नई सुविधाएं भी तैयार की जा रही हैं। इस पूरे कार्य में वन विभाग के साथ-साथ यूपी ईको टूरिज्म बोर्ड अहम भूमिका निभा रहा है।
कुकरैल वन क्षेत्र को ईको टूरिज्म के बड़े केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना पर काम हो रहा है। नाइट सफारी के आसपास के इलाके में बच्चों से लेकर परिवारों तक सभी के लिए मनोरंजन और आराम की सुविधाएं बनाई जा रही हैं, ताकि पर्यटक प्रकृति के करीब रहते हुए बेहतर अनुभव ले सकें।
बच्चों और परिवारों के लिए बनेंगी नई सुविधाएं
यूपी ईको टूरिज्म बोर्ड बच्चों के लिए चिल्ड्रेन पार्क और प्ले स्टेशन विकसित कर रहा है। यहां झूले, एडवेंचर गेम्स और खेलने के लिए सुरक्षित स्थान बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही ओपन जिम की सुविधा भी दी जा रही है, ताकि युवा और बुजुर्ग दोनों ही सेहत से जुड़ी गतिविधियों का आनंद ले सकें।
पर्यटकों को प्राकृतिक माहौल का अहसास दिलाने के लिए बांस से बनी गोल हट तैयार की जा रही हैं। ये हट पर्यावरण के अनुकूल होंगी और जंगल की सुंदरता के बीच बैठकर आराम करने का मौका देंगी।
नेचर वॉक ट्रेल और कैफेटेरिया का होगा विकास
कुकरैल वन क्षेत्र में नेचर वॉक ट्रेल भी बनाई जा रही है। इस ट्रेल पर चलते हुए पर्यटक कुकरैल नदी के आसपास के पेड़-पौधों, पक्षियों और प्राकृतिक वातावरण को करीब से देख सकेंगे। यह ट्रेल खास तौर पर उन लोगों के लिए होगी, जो शांति और प्रकृति से जुड़ना चाहते हैं।
इसके अलावा पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कैफेटेरिया का निर्माण किया जा रहा है, जहां साफ-सुथरे और हल्के नाश्ते की व्यवस्था होगी। पार्किंग और शौचालय जैसी जरूरी सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
2 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा काम
यूपी ईको टूरिज्म बोर्ड के अतिरिक्त निदेशक पुष्प कुमार ने बताया कि कुकरैल वन क्षेत्र में करीब 2 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। यह सुविधाएं नाइट सफारी के साथ-साथ मगरमच्छ, घड़ियाल और कछुआ अभ्यारण्य देखने आने वाले पर्यटकों के लिए भी उपयोगी होंगी।
उन्होंने बताया कि सभी निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं और नए साल की शुरुआत में पर्यटक इन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। इससे एक ओर जहां ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। कुकरैल वन क्षेत्र अब लखनऊ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल होने की ओर बढ़ रहा है।
