लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। देश में होली पर्व बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हैं। यहां पर 300 वर्ष से लाट साहब को अनोखा जुलूस निकाला जाता है। एक व्यक्ति को लाट साहब बनाकर भैंसागाड़ी में बैठाया जाता है। इसके बाद जुलूस को पूरे शहर में घुमाया जाता है। इस दौरान लोग रंगों के साथ लाट साहब पर जूते-चप्पल बरसाते हैं। इसके बाद जुलुस कोतवाली पर पहुंचता है। यहां कोतवाल लाट साहब को सैलूट करते है और रिश्वत के तौर पर नकद राशि और शराब की बोतल देते हैं।
नवाब अब्दुल्ला खान ने खेली थी होली
इतिहासकार बताते हैं कि शाहजहांपुर शहर की स्थापना करने वाले नवाब बहादुर खान वंश के आखिरी शासक नवाब अब्दुल्ला खान के घर 1729 में होली के त्योहार पर हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्म मानने वाले होली खेलने गए थे। नवाब ने उनके साथ होली खेली थी। इतिहासकार बताते हैं, बाद में नवाब को ऊंट पर बिठाकर पूरे शहर में घुमाया गया था, तब से यह परंपरा शाहजहांपुर में चली आ रही है। होली दहन के बाद हजारों की संख्या में लोग जुलूस में शामिल होते हैं। जूलूस को पूरे शहर में घुमाया जाता है। कुछ साल पहले जुलूस में मुस्लिम वर्ग के लोग भी बड़चड़ का हिस्सा लेते थे पर समय के साथ अब बदलाव भी आए।
आजादी के बाद जुलूस का नाम लाट साहब पड़ा
इतिहासकार बताते हैं कि आजादी के बाद इस जुलूस का नाम लाट साहब का जुलूस रख दिया गया। इतिहासकार बताते हैं कि ब्रिटिश शासन में गवर्नर को लाट साहब कहा जाता था। ब्रिटिश शासन के प्रतीकात्मक वितृष्णा की भावना के चलते प्रत लाट साहब बनाए गए। व्यक्ति को भैंसागाड़ी पर बैठाकर उसको जूते और चप्पल मारने की परंपरा शुरू की गई। आजादी के बाद से ये परंपरा बदस्तूर जारी है। जबकि जुलूस का इतिहास 300 सौ प्राचीन है। ये जुलूस अंग्रेजों के शासनकाल और मुगलों के शासन के दौरान निकलते थे। अंग्रेजों ने जुलूस को रोकने के कई प्रयास किए पर वह कभी सफल नहीं हुए।
कोतवाल से मांगते हैं ब्यौरा
परंपरा के मुताबिक,लाट साहब के कोतवाली पहुंचने के बाद कोतवाल लाट साहब को सलामी देते हैं। वहीं, लाट साहब पूरे साल दर्ज किए गए अपराधिक मामलें का कोतवाल ब्यौरा मांगते हैं। तो कोतवाल उन्हें रिश्वत के रूप में नकद राशि और शराब की बोतल देते हैं। पूर्व में जुलूस काफी तहजीब के साथ निकाला जाता था, पर समय बदलने के साथ इसका स्वरूप बदलता चला गया वहीं जुलूस को लेकर पुलिस ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। पुलिस संभ्रांत लोगों के साथ पीस कमेटी की बैठक कर रही है। चौक कोतवाली में 980 लोगों की चालानी रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी गई है। इनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर सकती है।
सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त
एडीजी जोन रमित शर्मा ने पुलिस लाइन में पहुंचकर तैयारियों की समीक्षा की। वहीं, जुलूस मार्ग पर स्थित धार्मिक स्थलों को तिरपाल से ढका जा रहा है ताकि सौहार्द कायम रहे। इसी क्रम में जुलूस मार्ग की बैरिकेडिंग कराने का काम भी शुरू हो गया। उधर, बड़े लाट साहब जुलूस के आयोजक संजय वर्मा ने बताया कि जुलूस को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं। पुलिस प्रशासन भी तैयारियां कर रहा है। होली पर छोटे लाट साहब का जुलूस 100 सीसीटीवी कैमरा की निगरानी में निकाला जाएगा। इसके लिए पुलिस ने तैयारी कर ली है। शांति व्यवस्था बनाए रखने को 438 लोगों को मुचलकों से पाबंद किया गया है। यही नहीं, जुलूस वाले दिन आपराधिक प्रवृत्ति के 22 लोगों को थाने में बिठाए रखने का निर्णय किया गया है।
कुछ इस तरह से बोले जिम्मेदार
पुलिस अधीक्षक राजेश एस. ने कहा कि होली पर निकलने वाले दोनों लाट साहब के जुलूस पर पुलिस की कड़ी नजर रहेगी ।सीसीटीवी के साथ चार ड्रोन कै कैमरे के साथ एक अतिरिक्त वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। जुलूस में हुडदंगियों पर खास नजर रखी जाएगी । माहौल खराब करने वालों को किसी भी हाल में नहीं बख्शा जाएगा। नगर आयुक्त विपिन कुमार मिश्रा ने कहा कि जुलूस को लेकर नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली है। मार्ग में आने वाले सभी अतिक्रमण को हटाया गया है। नगर निगम की वालंटियर टीम अपना सहयोग प्रदान करेगी।
300 साल पुरानी परंपरा
जुलूस कमेटी अध्यक्ष संजय वर्मा ने कहा लाट सहाब के जुलूस की 300 साल पुरानी परंपरा है। जुलूस कमेटी की तरफ से स्पेशल वालंटियर स्पेशल पुलिस ऑफिसर जुलूस का मोर्चा संभालेंगे। जुलूस कमेटी संयोजक दीप ने कहा, प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा इसको लेकर साथ जुलूस कमेटी की पीस कमेटी की बैठक भी की गई है। शाहजहांपुर की होली देश ही नहीं बल्कि दुनिया में बिख्यात है। ये शहर गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है। सभी धर्म के लोग लाट साहब के जुलूस में शामिल होते हैं।