Lok Sabha Election 2024: भाजपा नेता और गृहमंत्री अमित शाह 24 अप्रैल को वाराणसी यात्रा करेंगे। उनकी यह यात्रा केंद्रीय चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के साथ-साथ पूर्वांचल क्षेत्र की सीटों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक का भी हिस्सा होगा। उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में उत्तर प्रदेश के प्रभारी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, 2014 लोकसभा चुनाव में जब भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया और उन्होंने वडोदरा के साथ-साथ वाराणसी से भी लड़ने का एलान किया, तो इसकी मुख्य कारण था कि वाराणसी के साथ-साथ पूर्वांचल की सीटों पर भी उनके छवि का प्रभाव था।
फिर से यूपी की कमान संभालेंगे शाह!
जब अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के प्रभारी के रूप में दायित्व संभाला, तो उन्होंने सभी महत्वपूर्ण विषयों की रणनीति को अपने कंधों पर ले लिया। वे सक्रिय और निष्क्रिय कार्यकर्ताओं से लेकर भाजपा की सबसे बड़ी कमजोरी और ताकत को भली-भांति समझते थे, और चुनावी मैदान में उन्होंने अपनी भूमिका निभाई।
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2014 में वाराणसी में नरेंद्र मोदी के खिलाफ सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी के रूप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को माना गया था, और अमित शाह ने मलदहिया से मिंट हाउस तक नरेंद्र मोदी के नामांकन के रोड शो की कमान संभाली थी।
भाजपा पदाधिकारीयों से करेंगे मुलाकात
अब 2024 के चुनाव में फिर से अमित शाह वाराणसी आ रहे हैं, जहां उन्होंने भाजपा के पदाधिकारीयों के साथ काशी क्षेत्र की सीटों को लेकर मंथन करेंगे। अमित शाह की रणनीति के कारण ही बीजेपी ने 2014 में 80 सीटों में से 73 और 2019 में 64 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार भी बीजेपी की ध्यान केंद्रित है पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश पर। जनता का समर्थन किसे मिलेगा, यह तय हो रहा है कि दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी, चाहे वो एनडीए हो या इंडिया गठबंधन।