Lucknow: उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। लगातार बारिश और पहाड़ों से छोड़े गए पानी ने लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने कहा है कि किसी भी हाल में बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
बाढ़ का तांडव: 11 जिले बेहाल
पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश और पहाड़ों से छोड़े गए पानी ने उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में तबाही मचा दी है। कुशीनगर, महाराजगंज, लखीमपुर खीरी, बलिया, फर्रुखाबाद, गोंडा, कानपुर नगर, जीबीनगर, सीतापुर, हरदोई और शाहजहांपुर में बाढ़ के हालात गंभीर हैं। कई गांवों में पानी भर गया है, जिससे लोगों का (Lucknow) जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। फसलें बर्बाद हो गई हैं और पशुओं की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है।
सीएम योगी का एक्शन प्लान: हर जिले में तैनात की गई रेस्क्यू टीमें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित सभी 11 जिलों के अधिकारियों को पूरी तत्परता (Lucknow) से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अधिकारी खुद क्षेत्र का भ्रमण करें और राहत कार्यों पर नजर रखें। सीएम के निर्देश पर सभी प्रभावित जिलों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पीएसी की कई टीमों को तैनात किया गया है। इन टीमों का मुख्य काम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना और उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराना है।
किसानों की मदद का वादा: मुआवजे का ऐलान
बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कई जगह फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। सीएम (Lucknow) योगी ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए सभी जिलाधिकारियों को फसलों के नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जल्द से जल्द इस बारे में शासन को रिपोर्ट सौंपी जाए, ताकि प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा राशि दी जा सके। इसके अलावा जिन लोगों के घरों को नुकसान हुआ है या जिनके पशुओं की मौत हुई है, उन्हें भी तत्काल वित्तीय सहायता देने के निर्देश दिए गए हैं।
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कुशीनगर में सबसे ज्यादा तबाही: 8000 लोग प्रभावित
बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान कुशीनगर जिले में हुआ है। यहां गंडक नदी के उफान के कारण एक तहसील के पांच गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। जलभराव की वजह से करीब 8000 लोग प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने यहां 16 बाढ़ शरणालय स्थापित किए हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए 42 नावें तैयार रखी गई हैं। एनडीआरएफ और पीएसी की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। शिवपुर गांव में एनडीआरएफ ने 10 लोगों को बाढ़ के पानी से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।
महाराजगंज और लखीमपुर खीरी में भी हालात खराब
महाराजगंज में भी गंडक नदी का पानी कहर बरपा रहा है। यहां एक तहसील का एक गांव प्रभावित हुआ है, जिसमें 45 लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन ने एक बाढ़ शरणालय स्थापित किया है, जहां इन लोगों को ठहराया गया है। राहत कार्य के लिए 55 नावें तैयार रखी गई हैं। रविवार को यहां 2095 लंच पैकेट बांटे गए।
लखीमपुर खीरी में हालात और भी गंभीर हैं। यहां चार तहसील के 11 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें से सात गांवों में कटान हो रहा है। करीब 19,500 लोग इससे प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने 14 बाढ़ शरणालय बनाए हैं और 26 नावों के जरिए राहत कार्य चलाया जा रहा है।
बलिया में 8300 लोग प्रभावित, 71 शरणालय स्थापित
बलिया जिले में भी बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। यहां तीन तहसील के 18 गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें से पांच गांवों में कटान हो रहा है। नौ गांवों में सिर्फ कृषि प्रभावित हुई है। जलभराव के कारण करीब 8300 लोग प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने 71 बाढ़ शरणालय स्थापित किए हैं, जिनमें से तीन का संचालन शुरू हो गया है। फिलहाल 700 लोग इन शरणालयों में रह रहे हैं। राहत कार्य के लिए 15 नावें लगाई गई हैं, जबकि 202 नावें और तैयार रखी गई हैं। रविवार को यहां 200 खाद्यान्न सामग्री और 1,200 लंच पैकेट बांटे गए।
अन्य जिलों में भी जारी है राहत कार्य
फर्रुखाबाद, गोंडा, कानपुर नगर, जीबीनगर, सीतापुर, हरदोई और शाहजहांपुर में भी बाढ़ से हालात खराब हैं। इन सभी जिलों में प्रशासन ने बाढ़ शरणालय स्थापित किए हैं और नावों के जरिए राहत कार्य चलाया जा रहा है। फर्रुखाबाद में 350 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि गोंडा में 452 लोग बाढ़ की चपेत में हैं। सभी जगह एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें तैनात की गई हैं।
आगे क्या?
मौसम विभाग के अनुसार (Lucknow) अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना है। ऐसे में बाढ़ के हालात और बिगड़ सकते हैं। सीएम योगी ने सभी जिलों के अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राहत कार्य को और तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि वे घबराएं नहीं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। सरकार हर संभव मदद करने के लिए तैयार है।