Maha Kumbh stampede: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने Maha Kumbh के दौरान 29 जनवरी को हुई भगदड़ के बाद राज्य सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया और प्रभावी संकट प्रबंधन की सराहना की। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने, चिकित्सा सहायता प्रदान करने और अफरा-तफरी को रोकने के लिए तत्परता से कदम उठाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालु और साधु उपस्थित थे, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती थी, लेकिन प्रशासनिक प्रयासों से हालात काबू में आ गए।
वहीं, दूसरी ओर, लखनऊ में रियल एस्टेट कंपनी अंसल एपीआई (API) को दिवालिया घोषित किए जाने के बाद मचे हंगामे पर मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाया है। करीब 7,000 निवेशकों के 250 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं, जिन्हें वापस दिलाने के लिए योगी सरकार ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और प्रमुख सचिव आवास को त्वरित समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने इस घोटाले में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
संकट प्रबंधन से संभली स्थिति
मौनी अमावस्या पर संगम घाट पर मची भगदड़ में कम से कम 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रशासन ने अखाड़ों के ‘अमृत स्नान’ को स्थगित कर स्थिति को संभाला। योगी आदित्यनाथ ने व्यक्तिगत रूप से साधु-संतों से आग्रह कर स्नान का समय बदला, जिससे भीड़ का दबाव कम हुआ।
उन्होंने कहा, “हमने सुनिश्चित किया कि भगदड़ को लेकर दहशत न फैले और समय पर चिकित्सा सहायता मिले। दोपहर 2:30 बजे तक स्नान फिर से शुरू हो गया। संकट के समय धैर्य और संयम से काम लेना आवश्यक होता है।”
महाकुंभ में इस बार भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती रहा, क्योंकि इस आयोजन में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर अब और कड़े कदम उठाए जाएंगे।
अंनिवेशकों के 250 करोड़ रुपये लौटाने की तैयारी
लखनऊ में अंसल एपीआई को दिवालिया घोषित किए जाने के बाद हजारों निवेशकों में हड़कंप मच गया है। कंपनी पर बिना जमीन बेचे ही 250 करोड़ रुपये के भूखंड बेचने का आरोप है। इस घोटाले से परेशान निवेशकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिए हैं।
अंसल के निवेशकों ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है। एक निवेशक ने बताया, “कंपनी ने छह महीने में 250 करोड़ की संपत्ति बेची और फिर खुद को दिवालिया घोषित करा दिया। यह पूरी तरह से साजिश है।”
सरकार ने निवेशकों की समस्या दूर करने के लिए एक इंट्रिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) नियुक्त किया है, जो 11 मार्च तक निवेशकों के दावे दर्ज करेगा और 24 अगस्त तक NCLT को फाइनल रिपोर्ट सौंपेगा। सरकार निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए प्रभावी समाधान निकालने पर काम कर रही है।
सीएम योगी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि निवेशकों का पैसा जल्द से जल्द लौटाया जाए और अंसल एपीआई से जुड़े घोटालेबाजों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।