Mahakumbh 2025 : महाकुंभ मेले में पहली बार AI कैमरों का इस्तेमाल, अब मिनटों में मिलेगा बिछड़ा भाई

योगी सरकार इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर कई विशेष कदम उठा रही है।जिसके तहत डिजिटल खोया-पाया केंद्र एक दिसंबर से चालू हो जाएगा। इसमें 328 एआई कैमरे लगाए जाएंगे, जो पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे।

Mahakumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल जनवरी में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। योगी सरकार इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर कई विशेष कदम उठा रही है। पौराणिक पेंटिंग्स से सजी सड़कों और स्मार्ट लाइट्स के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तैरते हुए अस्थायी पुल का भी निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, मेले में खोए हुए लोगों को ढूंढने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाएगा।

डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल 

अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार मेले में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से लैस कैमरों और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया जाएगा। फेसबुक और ‘एक्स’ जैसे सोशल मीडिया मंच भी गुमशुदा व्यक्तियों की पहचान और उन्हें उनके परिजनों से मिलाने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार अपनों के खोने का डर नहीं सताएगा।

328 AI कैमरे लगाए जाएंगे

डिजिटल खोया-पाया केंद्र एक दिसंबर से चालू हो जाएगा। इसमें 328 एआई कैमरे लगाए जाएंगे, जो पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन कैमरों का परीक्षण लगभग पूरा हो चुका है, और मेले के चार प्रमुख स्थानों पर इन्हें सफलतापूर्वक परखा भी गया है। गुमशुदा व्यक्तियों की पहचान के लिए कैमरों में फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग होगा। ये कैमरे तुरंत व्यक्ति की तस्वीर लेकर पहचान की प्रक्रिया शुरू कर देंगे।

चतुर्वेदी ने बताया कि गुमशुदा व्यक्ति की जानकारी को तुरंत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर साझा किया जाएगा, जिससे पहचान और पुनर्मिलन की प्रक्रिया तेज हो सके। एआई तकनीक और डिजिटल केंद्र के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि श्रद्धालुओं का महाकुंभ का अनुभव सुरक्षित और सुविधाजनक रहे।

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