News1India conclave Live: चंद्रशेखर आज़ाद ने धर्म और समाज के मुद्दों पर रखी बात, कहा- ‘बसपा से लड़ाई नहीं लड़ाई हैं देश में समान..’

आगरा में News1 India का भव्य कॉन्क्लेव "महाकुंभ मंथन" शुरू हो चुका है। इस प्रतिष्ठित मंच पर केंद्रीय मंत्रियों, धार्मिक संतों, और प्रख्यात नेताओं का जुटान हुआ है। समाज, राजनीति और धर्म से जुड़े अहम मुद्दों पर गहन चर्चा के लिए यह आयोजन विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

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News1 India: आगरा के ऐतिहासिक धरती पर आज News1 India का प्रतिष्ठित कॉन्क्लेव “महाकुंभ मंथन” बड़े जोश और उल्लास के साथ शुरू हो चुका है। यह आयोजन देश की प्रख्यात हस्तियों और प्रतिष्ठित वक्ताओं का ऐसा महासंगम है, जिसमें सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।

इस महाकुंभ में केंद्रीय मंत्रियों से लेकर धार्मिक संतों और प्रख्यात समाजसेवियों तक, सभी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में श्री जीतनराम मांझी, केंद्रीय मंत्री (MSME), श्री एसपी सिंह बघेल, केंद्रीय राज्यमंत्री (पशुपालन, मत्स्य और पंचायती राज), और उत्तर प्रदेश सरकार (News1 India) के परिवहन मंत्री श्री दयाशंकर सिंह प्रमुख हैं। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य और गन्ना विकास मंत्री श्री चौधरी लक्ष्मीनारायण भी इस आयोजन में शिरकत कर रहे हैं।

धार्मिक और आध्यात्मिक जगत से जुड़े महान संत जैसे सद्गुरु ऋतेश्वर जी महाराज, कार्ष्णि संत बाल योगी जी महाराज, और श्री मनीष बाबा ने इस मंच को विशेष गरिमा प्रदान की है। मथुरा और वृंदावन के संतों का आगमन इस कार्यक्रम में आध्यात्मिक आभा जोड़ रहा है।

“महाकुंभ मंथन” में समाजवादी पार्टी के (News1 India) राष्ट्रीय महासचिव श्री रामजीलाल सुमन, बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजकुमार चाहर, और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर आजाद जैसे नेता भी भाग ले रहे हैं।

देशभर की अहम समस्याओं, विकास के मुद्दों, और समाज के प्रति धर्म व राजनीति की जिम्मेदारियों पर इस मंच से विचार साझा किए जाएंगे। लाइव कवरेज के लिए जुड़े रहें।

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News1 India के मंच से जीतन राम मांझी के बयान:

आगरा में आयोजित News1 India के प्रतिष्ठित कॉन्क्लेव “महाकुंभ मंथन” में पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शिक्षा, राजनीति और समाज से जुड़े कई अहम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा, “राजा का बेटा हो या गरीब का, सबको शिक्षा एक बराबर मिलनी चाहिए।” उन्होंने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इसके सुधार की जरूरत पर बल दिया।

धार्मिक विषयों पर मांझी ने उत्तर प्रदेश की स्थिति पर कहा, “यहां धार्मिक अस्त्र का उपयोग हो रहा है। अगर काटोगे तो बताओगे।” उन्होंने इन मुद्दों पर सरकार से जवाबदेही की मांग की।

बिहार की राजनीति और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बात करते हुए मांझी ने कहा, “नीतीश कुमार जब-जब पार्टी बदलते हैं, तब यह बिहार के हित में होता है। नितीश की बिगड़ती तबीयत पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “तलाब का पानी गंदा हो तो उसे बदलना जरूरी है।”

अपनी पृष्ठभूमि पर मांझी ने खुलकर बात करते हुए कहा, “हमारे पिता जी भी शराब बनाते थे और हमारी मां भी शराब पीती थीं।” उन्होंने इस अनुभव को समाज के निचले तबके की समस्याओं को समझने का जरिया बताया।

स्पोर्ट्स और अन्य विभागों में सरकार के योगदान पर मांझी ने कहा, “हम लोग स्पोर्ट्स में विश्वास के साथ विभाग सौंप रहे हैं और इसे पूरी तरह से सुधारने की जिम्मेदारी ले रहे हैं।”

News1 India के मंच पर ऋतेश्वर जी महाराज के विचार:

News1 India के भव्य कॉन्क्लेव “महाकुंभ मंथन” में वृंदावन के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ऋतेश्वर जी महाराज ने सनातन धर्म, संस्कृति और समाज से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी गहरी बातों से लोगों को प्रभावित किया।

महाराज ने कहा, “सनातन का मतलब इंसानियत होता है।” उन्होंने इसे धर्म के सार के रूप में प्रस्तुत करते हुए बताया कि सनातन धर्म का उद्देश्य मानवता की सेवा और सत्य की खोज है। युवा पीढ़ी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “आज का युवा सनातन की ओर आकर्षित हो रहा है, क्योंकि यह धर्म केवल परंपराओं का नहीं, बल्कि मूल्यों और नैतिकता का परिचायक है।”

धर्म और राजनीति के संबंध पर उन्होंने अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा, “क्या धर्म में राजनीति जायज़ है, यह सोचने का विषय है। लेकिन यह तय है कि राजनीति को धर्म के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए, न कि धर्म का उपयोग राजनीति के लिए।”

श्रद्धालुओं के बारे में ऋतेश्वर महाराज ने कहा, “हम उन्हें श्रद्धालु नहीं कह सकते जो पॉकेट चोरी करें या दुकान खोलें। असली श्रद्धालु वह है जो अपने कर्म और विचार से धर्म को जीता है।”

अपनी वेशभूषा और सादगी के बारे में महाराज ने कहा, “मुझे धन की जरूरत नहीं है। मेरा काम समाज की सेवा करना और सनातन मूल्यों को बढ़ावा देना है।”

News1 India के मंच से ऋतेश्वर जी महाराज के ये विचार धर्म, संस्कृति और समाज के लिए एक मार्गदर्शक साबित हो सकते हैं। उनका सादा जीवन और गहरी सोच युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने वाली है।

News1 India के मंच से संजीव कृष्ण शास्त्री और मनीष कृष्ण शास्त्री के विचार:

News1 India के “महाकुंभ मंथन” कॉन्क्लेव में प्रसिद्ध भागवताचार्य श्री संजीव कृष्ण शास्त्री और रामकथावाचक श्री मनीष कृष्ण शास्त्री ने धर्म, रोजगार, और समाज से जुड़े गहरे मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।

श्री संजीव कृष्ण शास्त्री ने कहा, “आज योगी आदित्यनाथ जैसे संत के हाथों में सत्ता है, जिससे कुंभ जैसे आयोजन और अधिक चर्चा में हैं।” उन्होंने धर्म को रोजगार का बड़ा स्रोत बताते हुए कहा, “एक कथा के आयोजन से टेंट लगाने वालों से लेकर लाइट वालों तक, सभी को रोजगार मिलता है। देश में धर्म जितना रोजगार दे रहा है, उतना सरकार भी नहीं दे रही है।”

धर्म के प्रभाव पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “धर्म दुविधा का कारण नहीं, बल्कि सुविधा का कारण है। भारत में 30 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें धर्म रोजगार देता है। जितने लोग गोवा और ताजमहल नहीं जाते, उससे अधिक लोग कथा और कुंभ में पहुंचते हैं।”

शास्त्री जी ने समाज में एकता पर बल देते हुए कहा, “हम मुस्लिम विरोधी नहीं हैं। यह देश रसखान की कविताओं, मलिक मोहम्मद की मोहब्बत, और अब्दुल कलाम की सोच को सलाम करता है। समस्या मुस्लिमों से नहीं, बल्कि वातावरण और वैभवप्रियता से है।” उन्होंने कहा कि भारत के सनातन धर्म की परंपरा इतनी मजबूत है कि 17 बार आक्रमण सहने के बावजूद इसने अपनी सहिष्णुता और अहिंसा को कायम रखा।

श्री मनीष कृष्ण शास्त्री ने कहा, “हम ऐसे हिंदू हैं, जो चींटी के पैर के नीचे आ जाने पर पश्चाताप करते हैं। भारत में ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां मंदिर न हो।” उन्होंने समाज के बंटवारे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “जब-जब भारत में दो विचारधाराएं आई हैं, देश कमजोर हुआ है। अगर बंटेगे, तो कटेंगे।”

दोनों वक्ताओं ने धर्म और समाज के तालमेल को मजबूती देने पर जोर दिया और कहा कि धर्म को सही दृष्टिकोण से समझने की जरूरत है। उनकी बातों ने दर्शकों को गहन चिंतन का अवसर दिया।

महाकुंभ मंथन: चंद्रशेखर आज़ाद ने धर्म और समाज के मुद्दों पर रखा बड़ा नजरिया

चंद्रशेखर आज़ाद ने मायावती से जुड़ी कई अहम सवालों पर प्रतिक्रिया दी। जब उनसे पूछा गया कि मायावती यदि राजनीति छोड़ने को कहें, तो क्या वह छोड़ देंगे, तो चंद्रशेखर ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अपने संघर्ष को जारी रखेंगे। मायावती द्वारा उन्हें भतीजा कहने से इंकार करने पर भी उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु के बारे में कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा था कि बसपा की स्थिति इतनी खराब होगी। बाबा साहेब अंबेडकर पर कोई भी नकारात्मक टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अमित शाह को धमकी देने की वजह उन्होंने अपनी मंशा स्पष्ट की।

चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा, “हमने पार्लियामेंट में सभी के लिए आवाज उठाई। बाबा साहेब अंबेडकर के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठाए, क्या कुछ छुपाने की कोशिश हो रही थी? दलितों को लुभाने की होड़ में हर पार्टी सबसे पहले दलितों को टारगेट करती है। अब सिर्फ दलित नहीं, मुसलमान और सिख भी पीड़ित हैं।”
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