Maharajganj: यूपी के महराजगंज जिले में पराली जलाने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने मुख्य सचिव शासन लखनऊ के निर्देशों के तहत फसलों के अवशेष जलाने से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए सैटेलाइट निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
पराली जलाने पर होगी कड़ी कार्रवाई
जिलाधिकारी अनुनय झा ने जिलेभर में पराली जलाने की घटनाओं (Maharajganj) की रोकथाम के लिए एक सख्त आदेश जारी किया है। इसके तहत अपर जिलाधिकारी तहसील, उपजिलाधिकारी और विकास खंड स्तर पर खंड विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में कृषि, राजस्व, पुलिस और अन्य विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इन अधिकारियों को पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी नजर रखने और कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस अधीक्षक ने समस्त थानाध्यक्षों को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में लगातार निगरानी करें और पराली जलाने की घटनाओं को रोकने की कोशिश करें। यदि कोई व्यक्ति पराली जलाता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी, जिसमें कंबाइन हार्वेस्टर के मालिक भी शामिल होंगे।
यह भी पढ़े: इटावा की ऊंचाहार एक्स्प्रेस में लगी भयंकर आग, बोगी में मची चीख पुकार
धारा-26 के तहत होगी कार्रवाई
सैटेलाइट से प्राप्त जानकारी के आधार पर कृषि विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर जाकर सत्यापन करेंगे। यदि पराली जलाने की घटना सामने आती है तो संबंधित किसान और कंबाइन हार्वेस्टर स्वामी से राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा 24 के तहत पर्यावरण क्षतिपूर्ति वसूली की जाएगी। साथ ही धारा-26 के तहत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
विभिन्न क्षेत्रों के लिए पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली इस प्रकार निर्धारित की गई है। दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपये, 5 एकड़ क्षेत्र के लिए 5000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15000 रुपये तक।