अविमुक्त पाण्डेय, महाराजगंज। जनपद में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के रिक्त पदों को भरने के लिए मार्च में शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया पोर्टल बंद होने से लटक गई है। आंगनबाडी के रिक्त पड़े केंद्रों पर अतिरिक्त चार्ज देकर काम चलाना पड़ रहा है। जिले में 3164 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। जिसमें 230 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पद रिक्त है। 14 साल बाद रिक्त पदों को भरने के लिए विभाग ने भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। आरक्षण प्रक्रिया को पूरा करते हुए रिक्त पदों को भरने के लिए मार्च में आनलाइन आवेदन मांगे गए। इन पदों को भरने के लिए आवेदन की प्रक्रिया अप्रैल तक पूरी की गई।
चुनाव आचार संहिता से भी हुई देरी
प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद अप्रैल माह में नियुक्ति होनी थी, लेकिन तब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने से प्रक्रिया पर रोक लग गई। पोर्टल को बंद कर दिया गया। इससे आवेदन करने वाली महिलाएं मायूस हो गईं। उनको तसल्ली दी गई कि आचार संहिता हटने पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, लेकिन आचार संहिता हटने के बाद भी अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। प्रदेश में 2010 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती हुई थी, इसके बाद 2011 में विभाग ने आवेदन मांगे थे। लेकिन तकनीकी कमियों की वजह से भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई।
10 हजार से अधिक महिलाओं ने किए हैं आवेदन
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 230 पद रिक्त हैं। मार्च में इन पदों के लिए आनलाइन आवेदन मांगे गए थे। जिसके लिए विभिन्न क्षेत्रों से करीब 10 हजार से अधिक महिलाओं ने आनलाइन आवेदन किए हैं, लेकिन पोर्टल पर कार्रवाई अग्रसारित नहीं होने से उनकी नियुक्ति अटकी हुई है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने पोर्टल के माध्यम से चयन करने के निर्देश दिए थे। लेकिन पोर्टल में खामियों की वजह से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया अधर में लटक गई है।
क्या कहते है कार्यक्रम अधिकारी?
जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार ने बताया कि जनपद में 230 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पद रिक्त है। इनको भरने के लिए मार्च में प्रक्रिया शुरू की गई थी। तकनीकी दिक्कतों की वजह से पोर्टल बंद है, जिसके कारण देरी हो रही है। जल्द ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के रिक्त पदों के लिए चल रही भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।