Mahakumbh 2025 : सोमवार को महाकुंभ की आपदा रेस्क्यू तैयारी के दौरान एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स) की टीम मॉक ड्रिल कर रही थी, ताकि जल में किसी आपदा आने की स्थिति में कैसे निपटा जाए, इसका अभ्यास किया जा रहा था। मॉक ड्रिल के दौरान संगम क्षेत्र में एक वास्तविक घटना घटित हो गई, जिससे साबित हो गया कि तैयारियां कितनी अहम होती हैं।
वास्तविक हादसा
संगम क्षेत्र के अरैल घाट पर एक नाव जो श्रद्धालुओं से भरी हुई थी, तेज बहाव के चलते भंवर में फंस गई। नाव के डूबने की स्थिति में श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। नाव पर महाराष्ट्र से आए 10 श्रद्धालु और दो नाविक सवार थे। नाव पलटने के बाद लोग डूबने लगे और डर के मारे उनकी चीखें गूंजने लगीं। इस नाव में महिलाएं भी सवार थीं, जो नाव पलटने से बुरी तरह घबरा गईं।
एनडीआरएफ की त्वरित प्रतिक्रिया
जब यह हादसा हुआ, एनडीआरएफ की टीम अपनी मॉक ड्रिल खत्म कर चुकी थी और जेट्टी पर वापस जा चुकी थी। लेकिन जैसे ही सूचना मिली, बिना समय गवांए एनडीआरएफ के जवान तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और सभी 10 श्रद्धालुओं और दोनों नाविकों को सुरक्षित बचा लिया। एनडीआरएफ के जवानों ने सिर्फ डूब रहे लोगों को बचाया ही नहीं, बल्कि उन्हें ढांढस भी दिया और उनकी मदद की।
एनडीआरएफ के जवानों की हो रही सराहना
हादसे के वक्त नाव में महिलाएं भी थीं और उनका डर बिल्कुल स्वाभाविक था, लेकिन एनडीआरएफ के जवानों की तत्परता और साहस के कारण इस हादसे को बड़ा रूप लेने से बचा लिया गया। एनडीआरएफ के जवानों की इस बहादुरी की सभी जगह सराहना की जा रही है।
एनडीआरएफ के डीआईजी की अपील
एनडीआरएफ के डीआईजी मनोज कुमार शर्मा ने इस घटना के बाद श्रद्धालुओं से एक खास अपील की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में स्नान करने आने वाले श्रद्धालु नियमों का पालन करें। साथ ही, जब भी किसी नदी या जल क्षेत्र में यात्रा करें, तो सुरक्षा के सभी उपायों को ध्यान में रखें। यह हादसा एक अच्छा उदाहरण है कि बिना तैयारियों के किसी भी स्थिति का सामना करना कितना मुश्किल हो सकता है। एनडीआरएफ ने श्रद्धालुओं से नियमों का सख्ती से पालन करने की अपील की।